25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राहुल द्रविड़ के बेटे समित का एक और शतक, गेंदबाजी में भी किया करिश्मा

Samit Dravid की पिछले तीन महीने में खेली गई यह तीसरी शतकीय पारी है। वह इतने कम समय में दो दोहरा शतक भी लगा चुके हैं।

2 min read
Google source verification
Samit Dravid

Samit Dravid

बेंगलूरु : टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के बेटे समित द्रविड़ (Samit Dravid) की उम्र महज 13 साल है, लेकिन इसी उम्र में वह अपने पिता की तरह लंबी-लंबी पारियां खेल रहे हैं। अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने जूनियर स्तर पर धमाल मचा रखा है। पिछले तीन महीनों में दो दोहरा शतक लगाने के बाद अब एक अपने हरफनमौला प्रदर्शन से क्रिकेट प्रशंसकों को चकित किया है। उन्होंने बीटीआर शील्ड अंडर-14 ग्रुप-1, डिवीजन-2 टूर्नामेंट में बल्लेबाजी और गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन कर अपनी टीम माल्या अदिति इंटरनेशनल स्कूल को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया है। इस मैच में समित ने 166 रनों की बड़ी पारी खेलने के अलावा गेंदबाजी में हाथ दिखाते हुए चार विकेट भी झटके।

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने किया एशिया एकादश का ऐलान, विराट समेत छह भारतीयों को मिली जगह

ऐसा रहा समित का प्रदर्शन

पहले बल्लेबाजी करते हुए माल्या अदिति इंटरनेशनल स्कूल ने समित के 166 रनों की बदौलत निर्धारित 50 ओवर में पांच विकेट पर 330 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके बाद गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 34 रन देकर चार विकेट लिए। यह उनकी घातक गेंदबाजी का ही नतीजा था कि विपक्षी विद्या शिल्प एकेडमी की टीम 38.5 ओवर में महज 182 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस तरह से अदिति इंटरनेशनल स्कूल ने यह मैच 148 रनों के विशाल अंतर से जीतकर अंतिम चार में कदम रखा। समित ने 131 गेंद की अपनी पारी के दौरान 24 चौके जड़े।

न्यूजीलैंड से भारत की हार पर कपिल देव ने उठाया टीम मैनेजमेंट पर सवाल, हर मैच में नई टीम क्यों?

समित पिछले तीन महीनों से बने हुए हैं चर्चा में

इससे कुछ ही दिन पहले अंडर-14 बीटीआर शील्ड मैच के दौरान ही समित ने दोहरा शतक ठोंका था। इससे दो महीने पहले दिसंबर में भी उन्होंने एक दोहरा शतक लगाया था। इसे देखकर लोग उन्हें द्रविड़ जूनियर कहने लगे हैं। उन्होंने 13 साल की ही उम्र में इतनी लंबी-लंबी पारियां खेलकर यह साबित कर दिया है कि वह भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। राहुल द्रविड़ को विकेट पर टिककर लंबी-लंबी पारियां खेलने के कारण ही दीवार कहा जाता था।