
BCCI Umpires Test: क्रिकेट मैच में अंपायर्स की भूमिका बहुत अहम होती है। कई बार उनके एक गलत फैसले से मैच का नतीजा बदल जाता है। ऐसे हमने वर्ल्ड कप फ़ाइनल से लेकर किसी लोकल मैच तक कई जगह देखा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अंपायरिंग का स्तर बढ़ाने के लिए एक टेस्ट का आयोजन किया। यह टेस्ट महिला और जूनियर मैचों (ग्रुप-डी) में अंपायर बनने के लिए था। जिसके नतीजे काफी चौंकाने वाले थे।
कैसी होती है परीक्षा -
यह टेस्ट राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंपायर बनने के लिए पहली सीढ़ी माना जाता है। इस परीक्षा में ऐसे-ऐसे सवाल पूछे गए जिसे जानकर सभी हैरान रह गए। इस टेस्ट में 37 बेहद मुश्किल सवाल पूछे गए थे। परीक्षा 200 अंकों की थी। इसके लिए कट ऑफ 90 अंक था। लिखित परीक्षा के 100 अंक, मौखिक और वीडियो के 35-35 अंक थे। वहीं, फिजिकल के 30 अंक थे।
97% अंपायर्स फेल -
बीसीसीआई द्वारा लिए गए अंपायर्स के इस एग्जाम में 97% लोग फेल हो गए। सवाल इतने कठिन थे कि 140 में से सिर्फ तीन अंपायर ही पास हो पाए हैं। बीसीसीआई ने अंपायरों को पांच ग्रेड में बांटा हुआ है। A+ और ए ग्रुप के अंपायर्स को प्रथम श्रेणी मैच के लिए प्रत्येक दिन 40,000 रुपये, जबकि B, C और D ग्रुप के अंपायर्स को प्रत्येक दिन 30,000 रुपये दिए जाते हैं।
यह भी पढ़ें: चहल और धनश्री वर्मा ने आपे रिश्ते को लेकर दी सफाई, सोशल मीडिया पर लिखी ये बाद
बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया, ''यह परीक्षा केवल खेल के नियमों को लेकर नहीं था। यह इस बारे में था कि वह लाइव मैच के दौरान किसी परिस्थिति में किस तरह से फैसला लेंगे। यह परीक्षा मुश्किल थी, लेकिन हम गुणवत्ता से समझौता नहीं कर सकते हैं। अगर आप राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे अंपायरिंग करना चाहते हैं तो गलती की कोई जगह नहीं हो सकती है। आपको खेल की समझ और नियमों का पूरा ज्ञान होना चाहिए।''
परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ सवाल और उसके जवाब -
सवाल: अगर पवेलियन के किसी हिस्से की परछाई, पेड़ या फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी की परछाई पिच पर पड़ती है तो बल्लेबाज उसकी शिकायत करते हैं तो आप क्या करेंगे?
जवाब: पेड़ या पवेलियन की परछाई को संज्ञान में नहीं लिया जा सकता है। जहां तक फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी की बात है तो उसे स्थिर रहने के लिए कहा जा सकता है, नहीं तो अंपायर के पास गेंद को डेड बॉल करार देने का भी अधिकार है।
सवाल: अंपायर ने नोटिस किया कि जब गेंदबाज बोलिंग कर रहा है तब उसकी ट्राउजर से फंसे तौलिये से बेल्स गिर गई है। क्या इसमें अंपायर कुछ कर सकता है?
जवाब: अंपायर को इस परिस्थिति में नो-बॉल देनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: मोहम्मद सिराज भी खेलेंगे काउंटी क्रिकेट, वारविकशायर के साथ किया करार
सवाल: गेंदबाज को चोट लगी है और उसके हाथ में पट्टी/टेप बंधी है। अगर आपको लगता है कि उसकी चोट सही है और अगर पट्टी हटाता है तो खून निकलेगा तो क्या आप उसे पट्टी लगाकर गेंदबाजी करने की इजाजत देंगे?
जवाब: किसी भी हाल में गेंदबाजी करने के लिए गेंदबाज को पट्टी हटाना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो गेंदबाजी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सवाल: एक सही गेंद पर बल्लेबाज ने शॉट खेला। गेंद शॉर्ट लेग पर फील्डिंग कर रहे खिलाड़ी के हेलमेट में अटक गई। गेंद के कारण हेलमेट गिर गया, लेकिन गेंद को जमीन पर गिरने से पहले फील्डर ने कैच कर लिया तो क्या आप बल्लेबाज को आउट देंगे?
जवाब: बल्लेबाज नॉट आउट होगा।
सवाल: स्पिनर ने एक गेंद फेंकी और बल्लेबाज ने आगे बढ़कर गेंद को खेलना चाहा लेकिन वह मिस कर गया। सिली पॉइंट फील्डर ने हाथ बढ़ाकर गेंद को पकड़ा और विकेट बिखेर दीं तो क्या बल्लेबाज आउट होगा?
जवाब: नॉ आउट, चूंकि फील्डर ने गेंद छू दी है तो अंपायर को इसे नो बॉल और डेड बॉल करार देना चाहिए।
Updated on:
19 Aug 2022 01:28 pm
Published on:
19 Aug 2022 12:31 pm
बड़ी खबरें
View Allक्रिकेट
खेल
ट्रेंडिंग
