बोर्ड अधिकारी बोले, जा सकते हैं अपील में
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि यह फैसला पूरी तरह से आश्चर्यजनक है। हालांकि साथ में उन्होंने यह भी कहा कि पूरा आदेश देखने के बाद ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बोर्ड इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है। आर्ब्रिटेटर पर भरोसा किया गया है। हालांकि पूरा आदेश पढ़ने के बाद ही उचित मूल्यांकन किया जा सकता है, लेकिन आप यह सुनिश्चित मान लीजिए कि बीसीसीआई इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा।
2012 में खत्म कर दिया गया था डेक्कन चार्जर्स का अनुबंध
बता दें कि यह मामला 2012 का है। बीसीसीआई ने डेक्कन चार्जर्स का अनुबंध खत्म कर दिया था। हैदराबाद की फ्रेंचाइजी ने बीसीसीआई के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी और आज आठ साल बाद हाईकोर्ट से उनके पक्ष में फैसला आया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच के लिए अदालत ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीके ठक्कर को इकलौता पंचाट (Orbitrator) नियुक्त किया था। आईपीएल फ्रेंचाइजी समझौते के आधार पर आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई। डीसीएचएल ने बीसीसीआई पर 6,046 करोड़ रुपए के हर्जाना और ब्याज का दावा किया था, जबकि बीसीआई ने इसे दावे को गलत बताकर इसका विरोध किया था।