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Champions Trophy 2025 से पहले प्रेमानंद महाराज के आश्रम में पहुंचे विराट-अनुष्का, मांगी बस एक चीज

Champions Trophy 2025: टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली फिर से प्रेमानंद महाराज के आश्रम में पहुंचे। इस दौरान अनुष्का शर्मा और उनके दोनों बच्चे भी साथ नजर आए।

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Virat Kohli Anushka Sharma Premanand ji Maharaj

Champions Trophy 2025: पिछले कुछ सालों से खराब फॉर्म से गुजर रहे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली अपनी पत्नी और बच्चों के साथ प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे। कोहली इससे पहले भी यहां आ चुके हैं, जब सिर्फ वामिका का जन्म हुआ था। टी20 वर्ल्डकप 2024 के फाइनल को छोड़ दे तो विराट कोहली का बल्ला पूरे टूर्नामेंट में शांत रहा था। उसके बाद रनों के लिए तरसते रहे।

न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके खराब फॉर्म का असर टीम के प्रदर्शन पर दिखा। न्यूजीलैंड ने जहां क्रिकेट इतिहास में पहली बार भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीती तो ऑस्ट्रेलिया ने 10 साल के बाद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया। जिसके बाद कोहली एक बार फिर प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचे। कोहली के साथ उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा और दोनों बच्चे भी मौजूद थे।

सोशल मीडिया पर विराट और अनुष्का शर्मा के प्रेमानंद महाराज के आश्रम में पहुंचने की वीडियो और फोटोज तेजी से वायरल हो रही हैं। विराट कोहली ने प्रेमानंद महाराज से कहते हुए देखे जा रहे हैं कि वह रोज उनका सत्संग सुनते हैं। वहीं अनुष्का प्रेमानंद महाराज को बता रही हैं कि जब वह पिछली बार आश्रम में आई थीं तो उनके मन में ढेर सारे सवाल थे। लेकिन उन्हीं के जैसे सवाल वहां मौजूद अन्य लोगों ने पूछ लिया तो मैं कुछ पूछ नहीं पाई थी। अनुष्का ने कहा, "मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं आपसे मन ही मन बात कर रही हूं और मेरे सभी सवालों के जवाब मुझे मिलने लगे थे।"

अनुष्का शर्मा ने प्रेमानंद महाराज से सिर्फ एक चीज की मांग की। अनुष्का ने कहा कि हमें बस प्रेमभक्ति दे दो आप। इसके जवाब में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ये लोग बहुत बहादुर हैं, संसार का यश प्राप्त होने के बाद ये लोग प्रेमभक्ति कि तरफ मुड़ना चाह रहे हैं, जो दूसरों के लिए काफी मुश्किल है। प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा, "भगवान के भरोसे रहो, नाम जपो, और खूब प्रेम से रहो, खूब आनंद से रहो।"

असफलता के समय धैर्य रखने की दी सलाह

प्रेमानंद महाराज ने कहा, "ये जिस खेल से जुड़े हुए हैं, अगर उसमें विजय प्राप्त कर लेते हैं तो पूरा भारत प्रसन्न हो जाता है, भारत का बच्चा बच्चा खुश हो जाता है, पूरा भारत पटाखे फोड़ने लगता है। ये भी तो इनकी साधना है। इनका भजन यही है कि ये अपना अभ्यास करते रहे, भले ही वो खेल है लेकिन उसमें सफलता मिलती है तो पूरे भारत को आनंद मिलता है। अगर हम फेल हो रहे हैं तो हमें अपने अभ्यास पर ध्यान देना चाहिए और बीच बीच में नाम स्मरण कर लेना चाहिए। कभी कभी आप अभ्यास के बावजूद असफलता देखते हैं, ऐसे समय में आपको धैर्य रखते हुए अभ्यास करते रहने की जरूरत है। असफलता सदैव नहीं रहेगी।"

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