पुलिस कर रही है मामले की जांच
हापुड़ पुलिस ने क्रिकेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। फल व्यापारी मशकूर ने जानकारी दी कि उनका बेटा मुनीर फरीदाबाद में क्रिकेट की कोचिंग ले रहा था। इस वजह से उसका फरीदाबाद आना-जाना लगा रहता था। कुछ दिन पहले वहीं उसकी मुलाकात अजीत चंदीला से हुई। उसने उसके बेटे का चयन अंडर 14 भारतीय क्रिकेट टीम में कराने की बात कही। वह उसकी बातों में आ गया।
इसके बाद चंदीला ने उससे साढ़े सात लाख रुपए की मांग की। 24 दिसंबर 2018 को पैसे लेने के लिए अजीत चंदीला उनके घर आया था। फल विक्रेता ने अपने एक परिचित के सामने उसे साढ़े सात लाख रुपए दिए। चंदीला ने बताया कि फरवरी 2019 में टीम इंडिया का चयन होना है और उसके बेटे का भी जरूर चयन हो जाएगा। लेकिन कई माह बाद भी उसके बेटे का चयन नहीं हुआ।
चंदीला का दिया चेक हुआ बाउंस
जब फल विक्रेता के बेटे चयन नहीं हुआ तो उसने चंदीला से पैसे वापस करने की मांग शुरू की। काफी सख्ती करने पर चंदीला ने 11 मार्च 2019 को सात लाख रुपए का चेक दिया। और दो महीने के भीतर बाकी के 50 हजार रुपए वापस करने की बात कही, लेकिन चंदीला का दिया चेक खाते में जमा कराने पर बाउंस हो गया। इसके बाद से वह लगातार चंदीला से पैसे मांग रहा है, लेकिन वह दे नहीं रहा है।
बता दें कि अजीत चंदीला आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेल चुके हैं। 2013 में उन पर आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने का आरोप लगा था। यह वही मामला है, जिसमें उनके साथ-साथ श्रीसंत और अंकित चव्हाण भी फंसे थे। दिल्ली पुलिस ने 16 मई 2013 को इन तीनों खिलाड़ियों को इस आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद बीसीसीआई ने इन तीनों पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि बीसीसीआई के लोकपाल डीके जैन ने श्रीसंत पर से आजीवन प्रतिबंध हटा दिया है। उनका प्रतिबंध अगले साल अगस्त के अंत में समाप्त हो जाएगा।