दिलीप वेंगसरकर को ‘लॉर्ड ऑफ लॉर्ड्स’ भी कहा जाता है। दरअसल, दिलीप ने क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर अपने बल्ले से धमाल मचा दिया था। उन्होंने लॉर्ड्स के मैदान पर लगातार तीन शतक लगाए थे। वे ऐसा करने वाले पहले गैर अंग्रेज बैट्समैन रहे। उनका यह रिकॉर्ड सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर भी नहीं तोड़ पाए। वेंगसरकर ने वर्ष 1979 में 103, 1982 में 157 और 1986 में नाबाद 126 रन बनाए थे। वे आखिरी बार साल 1990 में लॉर्ड्स मैदान पर खेले थे।
दिलीप वेंगसरकर ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत 1975-76 में न्यूजीलैंड के विरूद्ध की थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते हुए उन्होंनेे भारत के लिए ओपनिंग की थी। इसके साथ ही वे 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। वहीं 1987 वे कपिल देव की जगह भारतीय टीम के कप्तान चुने गए। उन्होंने 10 टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम के लिए कप्तानी की है। हालाकि 1989 में वेस्टइंडीज के दौरे के बाद उनको कप्तान पद से हटा दिया गया।
दिलीप वेंगसरकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में ही नहीं बल्कि टेस्ट मैच भी शानदार बल्लेबाजी क प्रदर्शन किया। वेंगसरकर ने 116 टेस्ट मैच खेले। इसमें उन्होंने 6868 रन बनाए, जिसमें 17 शतक और 35 अर्धशतक शामिल रहे। वर्ष 1986 से 1988 के बीच उन्होंने 16 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने आठ शतक लगाए। अपने इस शानदार प्रदर्शन की वजह से वे नंबर वन बल्लेबाज बन गए। लगभग 21 महीने वे दुनिया के नंबर पर टेस्ट बल्लेबाज रहे। वहीं उनके वनडे कॅरियर की बात करें तो उन्होंने 129 वनडे मैच खेले। इसमें उन्होंने 3508 रन बनाए, जिसमें एक शतक भी शामिल है।