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पाकिस्तान क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच ने लगाए गंभीर आरोप, एक बार फिर से विवादों में पीसीबी

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच का पद छोड़ने वाले पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव रिक्सन ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) पर पेशेवर रवैया न अपनाने और समय पर भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है।

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पाकिस्तान क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच ने लगाए गंभीर आरोप, एक बार फिर से विवादों में पीसीबी

नई दिल्ली।एशिया कप 2018 पकिस्तान के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा।पाकिस्तानी टीम पुरे टूर्नामेंट में कभी भी अपने क्षमताओं के अनुरूप नहीं खेल पाई।पहले भारत और फिर फाइनल से पहले आखिरी मुकाबले में बांग्लादेश से मिली करारी हार के बाद कप्तान सरफराज अहमद और पूरी पाकिस्तानी टीम को सोशल मिडिया पर निशाना बनाया जा रहा है।अब पाकिस्तान टीम द्वारा एशिया कप में खराब प्रदर्शन के बाद एक और गंभीर मुद्दा सामने आ रहा है । हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के फील्डिंग कोच का पद छोड़ने वाले पूर्व आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव रिक्सन ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) पर पेशेवर रवैया न अपनाने और समय पर भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इसी कारण उन्होंने अपने पद को छोड़ने का फैसला किया।

पेशेवर रवैये की कमी, समय पर कभी भी नहीं मिलता भुगतान
पूर्व विकेटकीपर ने कहा कि पीसीबी को यह सीखने की जरूरत है कि विदेशी स्टाफ से किस तरह का व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीसीबी के व्यवहार के कारण ही डैरेन बैरी अभी तक उनका स्थान नहीं ले पाए और आखिर में उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने रिक्सन के हवाले से लिखा है, "मुझे कभी भी समय पर भुगतान नहीं हुआ। यह अपमानजनक बात है। कुछ चीजें समय पर होनी चाहिए लेकिन होती नहीं थीं। मेरा करार होने में ही पांच महीने का समय लग गया था और आखिरी समय पर मुझे पद सौंपा गया। मैं पिछले 30 साल से कोचिंग के क्षेत्र से जुड़ा रहा हूं।"


पाकिस्तानी फील्डिंग पर जताई चिंता
उन्होंने कहा, "डैरेन बैरी ने आखिर में इस काम के लिए मना कर दिया। जब चीजें अच्छी चल रही थीं तब मैंने काम छोड़ दिया। जब मैं वेबकूफ शब्द का इस्तेमाल करता हूं तो वह इसी तरह के फैसलों के लिए करता हूं। आप चाहते हैं कि विदेशी स्टाफ आ कर अपना काम करें और जब वो ऐसा करने लगते हैं तो उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए।"रिक्सन ने पाकिस्तानी टीम की फील्डिंग के भविष्य पर भी चिंता जताई है।