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थोड़ी तो शर्म करो अंग्रेजों! पहले पैर तोड़ा फिर ऋषभ पंत पर लगाया गंभीर आरोप

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड ने ऋषभ पंत की चोट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वो अपनी चोट का फायदा उठा रहे थे। लॉयड का मानना है कि पंत को टाइम आउट देना चाहिए था।

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England reacts on Rishabh Pant Injury

भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में चौथ टेस्ट में चोटिल हो गए थे। (Photo source: IANS)

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड ने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच के दौरान ऋषभ पंत की चोट को लेकर विवादित बयान देकर नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने एक शो में कहा कि कुछ लोगों की राय थी कि पंत की चोट उतनी गंभीर नहीं थी और वह इसका फायदा उठा रहे थे।

पहले दिन मैनचेस्टर टेस्ट में ऋषभ पंत 37 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, जब क्रिस वोक्स की एक यॉर्कर को रिवर्स स्वीप करने की कोशिश में उनके दाहिने पैर के अंगूठे में चोट लगी, जिसके बाद स्कैन में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई। इसके बावजूद, पंत ने हिम्मत दिखाई और शार्दुल ठाकुर के आउट होने के बाद दूसरे दिन बल्लेबाजी के लिए वापस लौटे।

टाइम आउट देने की मांग

उन्होंने 54 रन की शानदार पारी खेली, जिसकी मैनचेस्टर में खूब तारीफ हुई। हालांकि, डेविड लॉयड ने विवादास्पद बयान दिया कि ओल्ड ट्रैफर्ड के 'लीजेंड्स लाउंज' में कुछ लोगों का मानना था कि पंत अपनी चोट का फायदा उठा रहे थे और उन्हें टाइम आउट कर देना चाहिए था। डेविड लॉयड ने कहा कि वहां मौजूद लोगों की आम राय थी कि ऋषभ पंत अपनी चोट का फायदा उठा रहे थे। उनके अनुसार, कुछ लोगों का मानना था कि पंत की चोट उतनी गंभीर नहीं थी।

ऋषभ पंत की चोट ने टेस्ट क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ियों के लिए विकल्प की अनुमति देने की बहस को फिर से हवा दी है। इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी ने माना है कि टीमों को वैकल्पिक खिलाड़ी लाने की अनुमति मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वह रनर के उपयोग के खिलाफ हैं, लेकिन फ्रैक्चर के मामले में विकल्प की अनुमति का समर्थन करते हैं। उनका तर्क था कि अगर चोट चिकित्सकीय रूप से गंभीर है, जैसे कि पंत के मामले में अंगूठे का फ्रैक्चर, जिसमें खिलाड़ी छह हफ्तों तक फिट नहीं हो सकता। ऐसे में टीम को समान भूमिका वाला विकल्प खिलाड़ी लाने की अनुमति मिलनी चाहिए। हालांकि, लॉयड ने यह भी स्पष्ट किया कि यह नियम सावधानी से लागू करना होगा ताकि टीमें इसका दुरुपयोग न करें, जैसे कि बल्लेबाज की जगह स्पिनर को लाना।