
Harsha Bhogle Demand ban on PR agencies: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में भारतीय टीम के फ्लॉप प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) बेहद सख्त हो गया है। बीसीसीआई ने कोच गौतम गंभीर, मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकरऔर कप्तान रोहित शर्मा की रीव्यू मीटिंग की है और खिलाड़ियों की सुख सुविधा से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव कर रहा है। बोर्ड ने विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के अपने परिवार के साथ समय बिताने ने समय को सीमित कर दिया है।
इसी बीच दिग्गज कमेंटेटर हर्षा भोगले ने बीसीसीआई के सामने नई मांग रखी है। उन्होंने x पर पोस्ट शेयर करते हुए खिलाड़ियों की पीआर एजेंसियों पर बैन लगाने की मांग की है। भोगले ने लिखा, 'बीसीसीआई भारतीय टीम के लिए जो बदलाव सुझा रहा है फिलहाल मैं उस बारे में पढ़ रहा था। मुझे नहीं पता कि इस पर कितना विश्वास करना है, लेकिन अगर मुझे सख्ती से लागू होने के लिए एक नियम बताना पड़ा, तो यह टीम के सदस्यों को पीआर एजेंसियों से प्रतिबंधित करना होगा।'
भोगले का मानना है कि खिलाड़ियों के लिए एक ऐसी नीति होनी चाहिए, जो उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाए रखे। पीआर एजेंसियों का कद बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर इसका असर भी पड़ता है, जिससे उनका ध्यान खेल पर कम और छवि बनाने पर ज्यादा केंद्रित हो जाता है।
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के अपने परिवार के साथ समय बिताने को सीमित करेगा और 45 दिन के दौरे के दौरान परिवार के सदस्य 14 दिन से ज्यादा समय तक उनके साथ नहीं रह सकेंगे। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि भारतीय खिलाड़ियों को अभ्यास और मैचों के दौरान यात्रा के लिए अलग-अलग ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने से भी रोक दिया जाएगा। पूरी टीम को एक ही बस में यात्रा करनी पड़ेगी।
इसके अलावा खिलाड़ी 150 किलो से ज्यादा वजन का लगेज लेकर ट्रेविल करते हैं तो उसका पैसा बीसीसीआई नहीं देगा। बीसीसीआई के नए नियमों पर यह सवाल बना हुआ है कि क्या ये कदम भारतीय क्रिकेट की टीम के लिए सुधारक साबित होंगे या इनका असर केवल खिलाड़ियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर पड़ेगा।
Updated on:
16 Jan 2025 02:33 pm
Published on:
16 Jan 2025 02:26 pm
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