
नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के विकेटकीपिंग ग्लव्स को लेकर शुरू हुआ विवाद अब थमता दिख रहा है। इस विवाद में बीसीसीआई एमएस धोनी के साथ खड़ी हो गई है। दरअसल, आईसीसी की शिकायत के बाद मुंबई में COA की एक मीटिंग हुई, जिसमें ये तय किया गया कि धोनी ने ICC का कोई नियम नहीं तोड़ा है, इसलिए वो ग्लव्स को पहनना जारी रखें। साथ ही BCCI ने ICC को चिट्ठी लिखी है, जिसमें धोनी के ग्लव्स के लिए अनुमति मांगी जाएगी।
आपको बता दें कि क्रिकेट विश्व कप 2019 के अपने पहले मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को आसानी से हरा दिया। मीडिया की सुर्खियों में इस मैच में भारतीय खिलाड़ियों से प्रदर्शन के साथ-साथ धोनी के दस्ताने पर बना भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स का चिह्न भी छाया रहा।
स्पेशल फोर्स के चिह्न से खुश थे धोनी समर्थक
धोनी के समर्थक इस बात से खुश थे कि उनका मनपसंद खिलाड़ी दुनिया में अकेला ऐसा प्लेयर है, जो ऐसे प्रतिष्ठित चिह्न का इस्तेमाल कर सकता है। दरअसल धोनी ने अपने विकेटकीपिंग दस्तानों पर भारतीय पैरा स्पेशल फोर्स का चिह्न लगाया हुआ था।
धोनी को दी गई थी ले. कर्नल की मानद उपाधि
इस चिह्न का संबंध 'बलिदान ब्रिगेड' से है, जिसे केवल पैरामिलिट्री कमांडो ही धारण कर सकते हैं। आप को बता दें कि पूर्व भारतीय कप्तान एम.एस. धोनी को 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद उपाधि दी गई थी। उसके बाद 2015 में उन्होंने पैरा ब्रिगेड की ट्रेनिंग भी ली थी।
आईसीसी के नियम नहीं देते अनुमति
अब आईसीसी ने 'बलिदान ब्रिगेड' के इसी चिह्न को धोनी के दस्तानों से हटाने की अपील बीसीसीआई से की है। आईसीसी के नियमों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय मैचों के दौरान ऐसे चिह्नों को धारण नहीं किया जा सकता।
Updated on:
07 Jun 2019 12:40 pm
Published on:
06 Jun 2019 10:06 pm
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