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2003 में भी वर्ल्ड कप जीत सकता था भारत, लेकिन दादा की एक गलती पड़ गई भारी

सौरव गांगुली ने फाइनल मुकाबले में टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया था ऑस्ट्रेलिया ने 360 रन का लक्ष्य दिया था भारत 125 रनों से मुकाबला हार गया था

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Kapil Tiwari

May 09, 2019

2003 World Cup Final

2003 World Cup Final

नई दिल्ली। 30 मई से ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप का आगाज इंग्लैंड और वेल्स में हो रहा है और भारत वर्ल्ड चैंपियन बनने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत दो बार का चैंपियन रहा है। सबसे पहले भारत ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता था। इसके बाद साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने फिर से विश्व कप पर कब्जा किया था। हालांकि 2003 में भी एक मौका आया था, जब भारत वर्ल्ड कप का खिताब जीत सकता था, लेकिन भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की एक गलती ने सब खराब कर दिया था।

दादा के इस फैसले ने भारत को हरवा दिया था वर्ल्ड कप!

दरअसल, 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने थे। भारतीय टीम के पास वर्ल्ड चैंपियन बनने के सुनहरा मौका था, लेकिन कप्तान सौरव गांगुली के एक फैसले ने सबकुछ बदल दिया। फाइनल में जैसे ही सौरव गांगुली मैदान पर टॉस के लिए उतरे तो देश भर में सबसे पहले तो यही कामनाएं होने लगीं कि टीम इंडिया टॉस जीते और बल्लेबाजी का फैसला ले। टॉस तो गांगुली ने जीता, लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी की जगह गेंदबाजी करने का फैसला ले लिया। दादा के इस फैसले से हर कोई चौंक गया।

कंगारूओं के आगे बेअसर रहे थे भारतीय गेंदबाज

गेंदबाजी का फैसला लेने के बाद गांगुली ने कहा था कि क्योंकि मैच से पहले सुबह बरसात हुई थी तो ऐसे में उम्मीद थी कि पिच की नमी गेंदबाजी में मददगार रहेगी। दादा ने इस भरोसे पर गेंदबाजी का फैसला किया कि पिच में नमी होने के कारण वो ऑस्ट्रेलिया को जल्दी आउट कर पाएंगे, लेकिन फैसला गलत साबित हो गया। भारतीय गेंदबाज बेअसर साबित हुए, जिसका नतीजा ये हुआ कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 360 रन का पहाड़ जैसा लक्ष्य सामने रख दिया। सौरव गांगुली का यही फैसला 2003 वर्ल्ड कप फाइनल में हार की वजह माना जाता है।

पॉन्टिंग और मार्टिन ने खेली थी शानदार पारी

ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कप्तान रिकी पोंटिंग (140*) और डेमियन मार्टिन (88*) की पारियों की बदौलत भारत को पहाड़ जैसा लक्ष्य मिला। जवाब में भारतीय टीम 39.2 ओवर में सिर्फ 234 रन ही बना पाई। भारत 125 रनों की बहुत बड़ी हार हुई। भारत की तरफ से वीरेंद्र सहवाग ने सर्वाधिक 82 और राहुल द्रविड़ ने 47 रन बनाए। वहीं मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे सचिन तेंदुलकर इस मैच में सस्ते में आउट हो गए।