31 साल बाद इतनी बुरी हार मिली है टीम इंडिया को
बता दें कि तीन वनडे मैचों की सीरीज का तीनों मैच में कीवी टीम ने भारत को हराकर उसका सूपड़ा साफ कर दिया है। तीन या उससे ज्यादा एकदिवसीय मैच की सीरीज में भारत का 31 बाद वाइटवॉश हुआ है। इससे पहले 1983 और 1989 में विंडीज की टीम ने पांच मैचों की एकदिवसीय सीरीज में भारत को 5-0 से हराया था। इसके बाद से भारत का इस सीरीज से पहले तक कभी क्लीन स्वीप नहीं हुआ है। हालांकि 2006 में भी भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका से पांच वनडे मैचों की सीरीज में कोई मैच नहीं जीत पाई थी, लेकिन तब बारिश के कारण एक मैच बेनतीजा रहा था। जबकि बाकी के चार मैचों में हार का सामना करना पड़ा था।
युजवेंद्र चहल ने कहा कि न्यूजीलैंड में खेलना आसान नहीं होता। पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल वनडे टीम में पहली बार आए थे। इन जैसे युवा खिलाड़ियों को भारत के बाहर खेलने का मौका मिला। ये यहां खेलने के अनुभव से काफी कुछ सीखेंगे। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखें तो यह सिर्फ एक वनडे सीरीज थी। हमने पहली बार टी-20 सीरीज 5-0 से जीती थी। यह हमारे लिए भी सकारात्मक पक्ष है।
राहुल और अय्यर की तारीफ की
टी-20 और वनडे दोनों सीरीज में केएल राहुल और श्रेयस अय्यर का बल्ला जमकर बोला। आखिरी वनडे में भी टीम इंडिया को 296 रन के बड़े स्कोर तक पहुंचाने में इन दोनों ने बड़ी भूमिका निभाई थी। केएल राहुल (112) ने शतक लगाया था तो वहीं श्रेयस अय्यर (62) ने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली थी। चहल ने इन दोनों खिलाड़ियों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आप उनके भीतर आत्मविश्वास देख सकते हैं। ये दोनों 25-26 साल के युवा हैं और परिपक्वता के साथ बल्लेबाजी कर रहे हैं। वे स्थितियों को अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने कहा कि बीच के ओवरों के बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता, खासकर तब, जब स्पिनर्स गेंदबाजी कर रहे होते हैं। हां चहल ने टीम इंडिया के क्षेत्ररक्षण पर जरूर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि फील्डिंग भारत के लिए चिंता की बात बनती जा रही है।
दूसरा वनडे हारने के बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी चहल जैसा ही अजीबोगरीब बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि इस साल टेस्ट और टी-20 मैचों के मुकाबले वनडे मैचों के परिणाम ज्यादा मायने नहीं रखते।