India vs England Test Series: भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुक़ाबला बर्मिंघम के एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा। 2 जुलाई से शुरू होने वाला यह टेस्ट मैच भारतीय टीम के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि एजबेस्टन का मैदान भारत के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं रहा है।
एजबेस्टन के 123 साल पुराने टेस्ट इतिहास में भारत यहां आज तक एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत पाया है। इस मैदान पर भारत ने कई बार जीत के करीब पहुंचने की कोशिश की, लेकिन अंत में हार या ड्रॉ ही हाथ लगा। एजबेस्टन में भारत ने सात मुक़ाबले खेले हैं, इनमें से तीन बार उन्हें पारी के अंतर से हार का सामना करना पड़ा है।
भारत ने एजबेस्टन में पहला टेस्ट 1967 में खेला था और तब से अब तक सात टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया है। इन सातों मुकाबलों में भारत को हार का सामना करना पड़ा, जिसमें 1974, 1979 और 2011 में पारी के अंतर से हार शामिल है। इस मैदान पर भारत नें पहला मुक़ाबला 1967 में खेला था तब उन्हें 132 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।
भारत ने दूसरा मुक़ाबला 1974 में खेला, इस मैच में उन्हें पारी और 78 रनों से हार मिली। तीसरा मुक़ाबला 1979 में खेला, इस मैच में भी भारत को पारी को 83 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 1986 में भारत चौथी बार इंग्लैंड से एजबेस्टन में भिड़ा और यह मुक़ाबला ड्रा रहा। वहीं 1996 में एक बार फिर इंग्लैंड ने उन्हें 8 विकेट से हराया।
वर्ष | परिणाम | हार का अंतर |
---|---|---|
1967 | हारा | 132 रन |
1974 | हारा | पारी और 78 रन |
1979 | हारा | पारी और 83 रन |
1986 | ड्रा | — |
1996 | हारा | 8 विकेट |
2011 | हारा | पारी और 242 रन (अब तक की सबसे बड़ी हार) |
2022 | हारा | 7 विकेट |
2011 के दौरे पर भारत को इंग्लैंड ने पारी को 242 रनों के नाड़े अंतर से हराया। यह एजबेस्टन में भारत की अबतक की सबसे शर्मनाक हार है। वहीं 2016 में भारत ने एजबेस्टन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और वह जीत्ब के करीब तक पहुंचा। यह मैच इंग्लैंड ने मात्र 31 रन से जीता था। वहीं 2022 में एक बार फिर उसे सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
पहले टेस्ट में लीड्स में 5 विकेट की हार के बाद भारत अब एजबेस्टन में इतिहास बदलने की कोशिश करेगा। जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में अर्शदीप सिंह और आकाशदीप सिंह जैसे युवा गेंदबाजों से उम्मीदें होंगी। साथ ही, अभिमन्यू ईश्वरन और नीतीश कुमार रेड्डी जैसे नए चेहरों को मौका मिल सकता है, जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी में नई ताजगी ला सकते हैं। कप्तान और कोच को इस बार रणनीति में बदलाव करना होगा, खासकर स्विंग गेंदबाजी के खिलाफ बेहतर तकनीक और धैर्य की जरूरत होगी।
Published on:
25 Jun 2025 12:17 pm