90 के दशक में जब मैच फिक्सिंग विवाद के बाद कप्तान सौरभ गांगुली ने कप्तानी संभाली थी। भारतीय टीम की धुमिल हो चुकी प्रतिष्ठा को कोच जान राइट और दादा ने एक बार फिर स्थापित करने की ज़िम्मेदारी उठाई थी। गांगुली और जान राइट की जोड़ी ने भारतीय क्रिकेट टीम ने कई अहम सीरीजों में यादगार जीत दिलाई। इतना ही नहीं 2003 विश्व कप में भारत 20 साल बाद फाइनल भी खेला और उपविजेता बन कर उभरा।
लेकिन फिर एक समय ऐसा भी आया जब सहवाग के लिए गांगुली ने जान राइट को भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के पद से हटाने की मांग की थी। राइट और सहवाग के बीच विवाद का किस्सा काफी दिनों तक चर्चा में रहा था।
ये घटना साल 2002 की है। तब भारतीय टीम नेटवेस्ट ट्रॉफी में इंग्लैंड औऱ श्रीलंका की टीम के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेल रही थी। डरबन में खेले जा रहे एक मैच में सहवाग अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। लेकिन 60 बनाते ही सहवाग ने एक गलत शॉट खेला और वे आउट हो गए।
सहवाग का शॉट बेहद ढीला था और मैच से पहले राइट ने उन्हें समझाया था कि वे ऐसी लापरवाही न करें। लेकिन सहवाग ने उनकी बात नहीं मानी और उसी तरीके से आउट हो गए। यह देख राइट अपना आपा खो बैठे और जैसे ही सहवाग ड्रेसिंग रूम में आए, राइट ने उनका कॉलर पकड़ लिया। इसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई।
जब गांगुली को सारी जानकारी मिली तो वे राइट को हटाने पर अडिग हो गए। गांगुली का मानना था कि कोच को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। लेकिन बाद में राइट ने सहवाग से माफी मांगी। तब जाकर गांगुली, सहवाग सहित पूरी टीम का गुस्सा ठंडा हुआ।