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IPL टीमों ने की विदेशी खिलाड़ियों पर दो साल का बैन लगाने की मांग, जानें क्या है पूरा मामला

टीम के मालिकों ने मीटिंग में कहा कि ऑक्शन में खरीदे जाने के बाद अगर बिना वैध कारण के कोई विदेशी खिलाड़ी अपना नाम वापस लेता है तो ऐसे खिलाड़ियों पर कम से कम दो साल का बैन लगना चाहिए।

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BCCI meets IPL Franchises: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने बुधवार को मुंबई में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजी के मालिकों के साथ एक महत्वपूर्ण मीटिंग की। इस मीटिंग में 2025 के आईपीएल ऑक्शन, खिलाड़ियों के रिटेंशन की संख्या, टीमों का पर्स वैल्यू , राइट टू मैच और कुछ महत्वपूर्ण बदलावों पर चर्चा हुई। इस दौरान टीम के मालिकों ने बीसीसीआई से एक अजीबो ग्राब मांग की। जो इस मीटिंग की आकर्षण का केंद्र बन गया।

लगना चाहिए दो साल का बैन -
टीम के मालिकों ने मीटिंग में कहा कि ऑक्शन में खरीदे जाने के बाद अगर बिना वैध कारण के कोई विदेशी खिलाड़ी अपना नाम वापस लेता है तो ऐसे खिलाड़ियों पर कम से कम दो साल का बैन लगना चाहिए। टीमों का कहना है कि विदेशी खिलाड़ी आईपीएल ऑक्शन के बाद अचानक अपना नाम वापस ले लेते हैं जिससे टीम के प्रदर्शन और रणनीति पर गहरा असर पड़ता है। टीमों ने कहा कि अगर खिलाड़ी को चोट लगे तो वहां उसे छूट दी जा सकती है लेकिन कई खिलाड़ी ऑक्शन में कम कीमत मिलने की वजह से नाम वापस लेते हैं। तो उस पर बैन लगना चाहिए।

इन खिलाड़ियों ने लिया था नाम वापस -
पिछले कुछ सीजन में जेसन रॉय, एलेक्स हेल्स, हैरी ब्रूक और वानिंदु हसरंगा जैसे खिलाड़ियों ने बिना किसी ठोस वजह के अपना नाम वापस ले लिया था। इसके अलावा खिलाड़ियों के रिटेंशन की संख्या को लेकर लगातार चर्चा देखने को मिल रही है। मौजूदा वक़्त में टीमों के पास मेगा ऑक्शन से पहले सिर्फ चार खिलाड़ियों को रिटेन की ही इजाजत है। रिटन खिलाड़ियों के नंबर को 8 तक बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या रिटेन खिलाड़ियों के नंबर्स में इजाफा होता है या नहीं।