1983 वर्ल्डकप जिताने वाले कप्तान कपिल देव 1984 में बतौर खिलाड़ी टेस्ट टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें एक मैच से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद फैंस उग्र हो गए। पढ़ें पूरी कहानी...
भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन तेंदुलकर ट्रॉफी का चौथा मुकाबला मैनचेस्टर में 23 जुलाई से खेला जाएगा। अब तक सीरीज में इंग्लैंड ने 2 मैच जीते हैं तो भारत को एक में जीत मिली है। चौथे टेस्ट में टीम इंडिया की कोशिश होगी कि वो जीत के साथ सीरीज में बराबरी हासिल कर ले। तीसरे टेस्ट में काफी करीबी मुकाबला देखने को मिला था लेकिन भारतीय टीम जीत से 22 रन दूर रह गई। रवींद्र जडेजा के पास मैच फिनिश करने का मौका था लेकिन सिराज के आउट होने के बाद सारी उम्मीदें खत्म हो गईं।
मैच हारी तो कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने रवींद्र जडेजा की गलती बताई। हालांकि कप्तान ने दिग्गज ऑलराउंडर का समर्थन किया और उनके अनुभव और टैलेंट पर भरोसा जताया। हालांकि 40 साल कुछ ऐसी ही घटना भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान देखने को मिली थी। उस समय टीम के कप्तान सुनील गावस्कर थे और इंग्लैंड की टीम 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत दौरे पर आई थी। पहला टेस्ट टीम इंडिया ने जीत लिया था और दूसरा टेस्ट ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था। लेकिन कपिल देव के जल्दी आउट होने के बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गई और टीम इंडिया हार गई।
मैच के बाद भारतीय क्रिकेट में काफी बलाव हुआ। जांच समीति बैठाई गई और इंग्लैंड के खिलाफ कपिल देव और संदीप पाटिल को हार का गुनाहगार माना गया। दोनों को अगले टेस्ट से बाहर कर दिया गया। अगला मुकाबला कोलकाता में खेला जाना था। उस समय सुनील गावस्कर से भी ज्यादा फैंस भारतीय क्रिकेट को पहली बार विश्वविजेता बनाने वाले कपिल देव के थे। कपिल देव न सिर्फ भारतीय क्रिकेट में बल्कि वर्ल्ड क्रिकेट के बड़े सितारों में से एक थे। उनके बाहर होने पर फैंस ने विरोध करना शुरू कर दिया।
कोलकाता में मैच के दौरान नो कपिल नो टेस्ट के नारे लगे। फैंस ने सुनील गावस्कर तक को नहीं बख्शा और उनके खिलाफ नारे तो लगाए ही साथ ही उनपर सड़ी हुई सब्जियां और अंडे फेंके गए। गावस्कर ने उस घटना के बाद कोलकाता में टेस्ट न खेलने की कसम खा ली। हालांकि दो टेस्ट मिस करने के बाद कोलकाता में सुनील गावस्कर खेलने के लिए मान गए लेकिन इस घटना ने भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजमेंट को जता दिया कि कपिल देव कितने बड़े स्टार हैं।
वह 5 टेस्ट मैचों की सीरीज को भारत ने 2-1 से गंवा दिया। कोलकाता टेस्ट के बाद कपिल देव की टीम में वापसी हुई लेकिन उस सीरीज में भारत को फिर कभी जीत नहीं मिली। न्यूजीलैंड के खिलाफ हेमिल्टन में कपिल ने 1994 में अपना आखिरी टेस्ट खेला। उन्होंने उसी साल अक्टूबर में वनडे क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया। कपिल भारत के महान ऑलराउंडर रहे और उन्होंने 131 टेस्ट में 5 हजार से ज्यादा रन तो बनाए ही, साथ ही 434 विकेट भी चटकाए।
कपिल देव के नाम टेस्ट में 8 शतक और 27 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 225 वनडे मैच भी खेले और 3783 रन बनाए। कपिल देव ने वनडे में एक ही शतक लगाया है, जो 1983 वर्ल्डकप में जिम्बाब्वे के खिलाफ आई थी। उस मुकाबले में कपिल देव के 175 के बाद भारत की ओर से दूसरा हाई स्कोर 24 रन था, जो 11वें नंबर पर आकर सईद किरमानी ने बनाए थे। उसी वर्ल्डकप के फाइनल में भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर खिताब जीता।