Akash Deep Delivery to Joe Root was Legal: भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप ने इंग्लैंड के अनुभवी बल्लेबाज जो रूट को जिस गेंद पर क्लीन बोल्ड किया था, उसे नो बॉल बताते हुए कई दिग्गजों ने सवाल उठाए थे। उस मामले में एमसीसी की ओर से एक बयान जारी किया गया है।
Akash Deep Delivery to Joe Root was Legal: इंग्लैंड की दूसरी पारी में भारत के युवा तेज गेंदबाज आकाश दीप ने अनुभवी बल्लेबाज जो रूट को क्लीन बोल्ड किया था, जिसके बाद उस गेंद वैधता पर सवाल उठाए गए। आकाश दीप ने ये गेंद वाइड ऑफ क्रीज जाकर फेंकी थी और जो रूट डिफेंड करने के प्रयास में क्लीन बोल्ड हो गए। ये गेंद वैध थी या फिर अवैध थी, या फिर फिर अंपायर से चूक हुई। इसको लेकर पूर्व क्रिकेटरों मतभेद देखने को मिला। वहीं, अब इस मामले में एमसीसी की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि जो रूट के डिसमिसल का फैसल एकदम सही था।
दरअसल, कई पूर्व क्रिकेटरों ने दावा किया था कि आकाश दीप ने जिस गेंद पर जो रूट को क्लीन बोल्ड किया है, उस गेंद पर उनका पैर बॉलिंग की साइड में रिटर्न क्रीज से छुआ हुआ था। ये सच भी है कि उनका पैर रिटर्न क्रीज से टच हुआ था। लेकिन नियमानुसार इसमें कुछ गलत नहीं है, हालांकि आपका पहला इम्पैक्ट उस पर ना हो। उनका पंजा क्रीज में था और जब वह गेंद फेंकने के लिए आगे गए, तब पैर रिटर्न क्रीज से छू गया।
बता दें कि इंग्लैंड की दूसरी पारी में आकाश दीप की 10वें ओवर की दूसरी गेंद पर रूट क्लीन बोल्ड हुए थे। कुछ ही देर बाद ही आकाश के पिछले पैर की फुटेज सामने आ गई। जिसे लेकर बहस छिड़ गई और पूर्व क्रिकेटर्स के एक पक्ष ने उसे नो बॉल बताते हुए सवाल उठाते हुए कहा कि गेंद लीगल नहीं थी, ऐसे में जो रूट को आउट नहीं देना चाहिए था। कुछ कमेंटेटर्स ने ऑन एयर कहा कि ये नो बॉल होनी चाहिए थी। इनमें इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी जोनाथन ट्रॉट भी शामिल थे। जबकि रवि शास्त्री ने बॉल का लीगल बताया।
क्रिकबज की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब इस मामले में एमसीसी के प्रवक्ता ने कहा कि इंग्लैंड बनाम भारत के दूसरे टेस्ट के चौथे दिन आकाश दीप की गेंद पर सवाल खड़े किए गए थे, जिस पर जो रूट बोल्ड हुए थे। कुछ फैंस और कमेंटेटरों ने उस गेंद को नो बॉल बताया था। आकाश दीप असामान्य रूप से क्रीज पर वाइड लैंड हुए तो उनका पिछला पैर रिटर्न क्रीज से बाहर जमीन को टच होता नजर आया। थर्ड अंपायर ने नो बॉल नहीं दी। एमसीसी को साफ करते हुए खुशी हो रही है कि ये नियम के अनुसार सही फैसला था।