
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने इंटरनेशनल क्रिकेट से सन्यास लेने की वजह के बारे में कहा कि वे इस बात का खुलासा नहीं करना चाहते कि उन्होंने किन हालातों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया। उनका कहना है कि इसके पीछे की दास्तां भयावह है। बता दें कि आमिर ने वर्ष 2019 में टेस्ट क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। वहीं पिछले साल उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से भी सन्यास ले लिया। बता दें कि कॅरियर के शुरुआती दौर में मोहम्मद आमिर पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे,जिसके चलते उन पर पांच वर्ष का प्रतिबंध भी लगाया गया था।
फैसले से पहले काफी सोचा
आमिर का कहना है कि अपने देश के लिए जिस खेल को खेलते हैं उससे संन्यास लेना आसान नहीं होता है। आमिर का कहना है कि उन्होंने सन्यास का फैसला लेने से पहले काफी सोचा था और उन्होंने अपने करीबियों से भी इस बारे में बात की और फिर नतीजे पर पहुंचे। साथ ही उनका कहना है कि अगर वे विस्तृत जानकारी में जाएं और उन चैप्टर को दोबारा खोलें तो यह काफी भयावह है। मोहम्मद आमिर का कहना है कि वे उम्मीद करते हैं कि उनके खिलाड़ी, विशेषकर युवा भविष्य में इन चीजों का सामना नहीं करेंगे जो उन्हें करना पड़ा। आमिर ने कहा, 'मैं नहीं चाहता कि हमारे युवा खिलाड़ी अपने करियर का बलिदान दें जैसा मैंने किया।'
'वो इज्जत नहीं मिली, जिसका हकदार था'
मोहम्मद आमिर का कहना है कि उनके लिए इज्जत ज्यादा अहमियत रखती है और आमिर को लगता है कि उन्हें वो इज़्ज़त नहीं मिली जिसके वे हकदार थे और इसलिए उन्होंने आलमी क्रिकेट को छोड़ने का फैसला किया। वहीं आमिर के आलोचकों का कहना है कि वह देश के बजाए फ्रेंचाइजी लीग में खेलना पसंद करते हैं, इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें वैसा सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। आमिर ने कहा, "मेरे लिए सम्मान ज्यादा मायने रखता है और मुझे लगता है कि मुझे वो सम्मान नहीं मिला जिसका मैं हकदार था और इसलिए मैंने संन्यास लेने का फैसला किया।"
Updated on:
12 May 2021 10:41 am
Published on:
12 May 2021 10:39 am
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