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न्यूयॉर्क में क्यों हो रहे लो स्कोरिंग मुक़ाबले, अमरीका से हुई ये बड़ी गलती, ड्रॉप इन पिच पर करना होता है ये काम

नासाउ काउंटी स्टेडियम की यह पिच गेंदबाजों को कभी ज्यादा उछाल देती है और कभी गेंद धीमी हो जाती है। पिच की अप्रत्याशित प्रकृति और असमतल उछाल से खिलाड़ी परेशान हैं।

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Drop in Pitch, T20 World Cup 2024: क्रिकेट के इतिहास में पहली बार यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (USA) टी20 वर्ल्ड कप आयोजित कर रहा है। इसके लिए अमरीका ने न्यूयॉर्क में एक स्टेडियम तैयार किया है। नासाउ काउंटी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में ड्रॉप-इन पिच लगाई गई है। जिन्हें ऑस्ट्रेलिया के एडीलेड से लाया गया है। ऐसा नहीं है कि क्रिकेट के इतिहास में पहली बार ड्रॉप-इन पिच का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन यह पिच अन्य पिचों से बेहद अलग है।

असमतल उछाल से खिलाड़ी परेशान -
नासाउ काउंटी स्टेडियम की यह पिच गेंदबाजों को कभी ज्यादा उछाल देती है और कभी गेंद धीमी हो जाती है। पिच की अप्रत्याशित प्रकृति और असमतल उछाल से खिलाड़ी परेशान हैं। इस स्टेडियम में अबतक पांच मुक़ाबले खेले गए हैं। इनकी 10 पारियों में मात्र 1054 रन बने हैं। इसमें से चार बार टीम 100 का अंकाड़ा भी पार नहीं कर पाई हैं। इस स्टेडियम का औसत स्कोर महज 105 रन है। यहां एक पारी में सबसे ज्यादा रन कनाडा ने बनाए हैं। उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ सात विकेट खोकर 137 रन बनाए थे।

पिच को एडजस्ट होने का नहीं मिला समय -
न्यूयॉर्क की पिच ऐसा बिहेव क्यों कर रही है इसका बड़ा कारण तैयारी के लिए कम वक्त मिलाना है। ड्रॉप इन पिच को सेटल डाउन होने में कम से कम 11 महीने लगते हैं। लेकिन इन पिचों को ऑस्ट्रेलिया से 5 महीने पहले ही अमेरिका लाया गया है। ड्रॉप-इन पिच को बनने से लेकर मैच के लिए रेडी होने में समय लगता है। जहां पिच लगाई जाती है वहां के मौसम और परिस्थितियों के हिसाब से पिच एडजस्ट होती है। इसमें 3 से 4 महीने का वक्त चाहिए होता है।

अमरीका से हुई ये बड़ी गलती -
न्यूयॉर्क की पिच पर ठीक से रोलिंग नहीं की गई है और इसे मैंटेनेंस का टाइम कम मिला है। इसलिए पिच पूरी तरह तैयार नहीं है। पिच पर हेवी रोलर चलाये जाते हैं ताकि इसपर असमतल उछाल ना आए। लेकिन रोलिंग का समय नहीं मिला जिसका नतीजा सबके सामने है। पिच के कई हिस्सों पर घास उगी हुई है। घास को सेटल होने का टाइम नहीं मिला। इससे गेंदबाजों को असमान उछाल मिल रही है, बल्लेबाजों को परेशानी हो रही है, जिस कारण स्कोरिंग रेट भी तेजी से गिर गया।

गेंदबाजों को मिल रही ज्यादा मदद -
न्यूयॉर्क के ठंडे मौसम के कारण भी यहां गेंदबाजों को ज्यादा मदद मिल रही है। न्यूयॉर्क में सभी मुक़ाबले सुबह खेले जा रहे हैं। सुबह के वक़्त पिच पर नमी रहती है, इससे गेंद का मूवमेंट बहुत ज्यादा हो जाता है। भारत-पाकिस्तान मैच से पहले घास को काटा गया था, इससे पिच पर असमान उछाल कम देखने को मिला। इसके बावजूद शॉट खेलने में बल्लेबाज को परेशानी का सामना करना पड़ा।

ड्रॉप-इन पिच क्या होती है -
जैसा नाम वैसा काम। ड्रॉप इन का मतलब होता है किसी वस्तु को एक जगह से दूरी जगह कहीं गिरा देना या रख देना। बस इसी को ड्रॉप-इन पिच कहा जाता है। इस तरह की पिच को मैदान या वेन्यू से दूर कहीं बनाया जाता है। बाद में ट्रक, क्रेन या किसी अन्य साधन की मदद से इसे स्टेडियम में लाकर बिछा दिया जाता है।

कहां से लाई गई पिचें -
न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में उपयोग होने वाली सभी पिच एडीलेड ओवल टर्फ सोल्यूशंस के मार्गदर्शन में बनाई गई हैं, जिसकी अगुवाई एडिलेड ओवल के मुख्य क्यूरेटर डेमियन हॉग कर रहे हैं। पूरे वर्ल्ड कप के दौरान एडिलेड ओवल टर्फ सोल्यूशंस की टीम न्यूयॉर्क में ही रहने वाली है, ताकि पिच के रखरखाव में मदद किया जा सके।