
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 13 जुलाई का दिन बहुत अहम है। 19 साल पहले आज ही के दिन सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ष 2002 में इतिहास रख था। लॉर्ड्स के मैदान पर टीम इंडिया ने नैटवेस्ट सीरीज का फाइनल मुकाबला जीता था। इस जीत के हीरो ऑलराउंडर युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ रहे रहे थे। एक बार तो यह मुकाबला टीम इंडिया के हाथों से निकलता दिख रहा था, लेकिन मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह की तूफानी पारी ने टीम इंडिया को जीत दिलाई। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को 326 रन का लक्ष्य दिया।
इंग्लैंड की बल्लेबाजी भी रही शानदार
इंगलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बड़ा स्कोर बनाया। इंग्लैंड की तरफ से ओपनिंग करते हुए मार्कस ट्रेसकॉथिक और कप्तान हुसैन ने शतक जड़े। दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 185 रन की साझेदारी रही। मार्कस ने अपनी पारी में 7 चौके और 2 सिक्स लगाए। वहीं हुसैन ने 10 चौके लगाए। इसके अलावा एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने 32 गेंदों में 40 रन की पारी खेली। भारतीय टीम के बॉलर जहीर खान ने इंग्लैंड के 3 विकेट झटके। वहीं आशीष नेहरा और अनिल कुंबले को 1-1 विकेट मिला।
युवराज और कैफ ने संभाली पारी
वहीं 326 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए कप्तान सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग ने पहले विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी की। हालांकि दोनों के विकेट 114 रन तक गिर गए। इसके बाद 146 रन के स्कोर पर टीम इंडिया के आधे खिलाड़ी पवेलियन लौट गए। एक बार तो यह मैच टीम इंडिया के हाथ से निकलता दिख रहा था। इसके बाद युवराज सिंह और अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियन रहे कैफ ने टीम की पारी को संभाला।
कैफ और युवराज की तूफानी पारी ने जिताया
छठे विकेट के लिए युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने 121 रन की साझेदारी की। युवराज सिंह ने बेहतरीन बैटिंग का प्रदर्शन करते हुए 63 गेंदों पर 69 रन बनाए। इसमें उन्होंने 9 चौकों और एक सिक्स लगाया। वहीं मोहम्मद कैफ मैच के अंत तक जमे रहे और उन्होंने 87 रनों की पारी खेली। कैफ ने 109 गेंदों की अपनी नाबाद पारी में 6 चौके और 2 सिक्स लगाए। कैफ को मैन ऑफ द मैच चुना गया और भारत ने 8 विकेट खोकर 49.3 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया।
Updated on:
13 Jul 2021 01:54 pm
Published on:
13 Jul 2021 01:45 pm
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