5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पैट कमिंस की सफलता के पीछे पत्‍नी नहीं, इस महिला का हाथ, जानें कौन है वो

पैट कमिंस ने कई चुनौतियों से पार पाते हुए पहले वर्ल्‍ड टेस्‍ट चैंपियनशिप का खिताब जीता फिर भारत की सरजमीं पर वनडे वर्ल्‍ड की ट्रॉफी अपने नाम की। पैट कमिंस की इस सफलता के पीछे भी एक महिला का हाथ है और वह कोई और नहीं, बल्कि उनकी मां हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।

2 min read
Google source verification
pat_cummins_statement.jpg

पैट कमिंस ने 2023 में बतौर कप्तान जिस तरह से सफलता हासिल की, उसके लिए कई दिग्गज कप्तान सालों तक तरसते हैं। मगर, पैट कमिंस की बात अलग है, क्योंकि उन्होंने 30 साल की उम्र में चुनौतियों से पार पाते हुए पहले वर्ल्‍ड टेस्‍ट चैंपियनशिप का खिताब जीता फिर भारत की सरजमीं पर वनडे वर्ल्‍ड की ट्रॉफी अपने नाम की। पैट कमिंस की इस सफलता के पीछे भी एक महिला का हाथ है और वह कोई और नहीं, बल्कि उनकी मां हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। पैट कमिंस ने बताया कि उन्‍होंने मां की वजह से न केवल अपने खेल पर ध्यान दिया, बल्कि उनकी सीख को अपनाते हुए ये मुकाम हासिल किया।


ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने फरवरी 2023 में भारत के टेस्ट दौरे के दौरान सामने आई चुनौतियों को याद करते हुए अपनी मां की बीमारी से जूझने के दौरान अनुभव की गई भावनात्मक उथल-पुथल के बारे में खुलकर बात की। उस दौरान ऑस्‍ट्रेलिया के सीरीज 2-0 से हारने पर पैट कमिंस की कड़ी आलोचना की गई थी।

'मेरा मन भारत में नहीं था'

कमिंस ने क्रिकेट.कॉम.एयू से बातचीत में कहा कि जब मैं उस विमान (भारत दौरे पर) पर चढ़ रहा था तो मुझे पता था कि मुझे कुछ हफ्तों में वापस आना होगा। शायद केवल कुछ ही लोग जानते थे कि ऐसा होने वाला है। उन कुछ हफ्तों के लिए मैं भारत में था। खासकर अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मेरा मन भारत में नहीं था। पूरे समय घर पर ही मेरा ध्यान लगा हुआ था।

यह भी पढ़ें : 5वें टेस्ट में पेसर ढहाएंगे कहर या चलेगा स्पिनरों का जादू, जानें धर्मशाला की पिच का हाल

'मां मारिया के निधन ने कमिंस को नेतृत्व के प्रति सोचने पर मजबूर किया'

अपनी मां मारिया के निधन ने कमिंस को नेतृत्व के प्रति अपने दृष्टिकोण के बारे में सोचने के लिए मजबूर किया। अपने स्वयं के अनुभवों से प्रेरित होकर वह खिलाड़ियों को क्रिकेट से परे जीवन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। चाहे वह नए शहरों की खोज करना हो, शौक पूरा करना हो या परिवार के साथ समय बिताना हो।

'समय कीमती है, इसे बर्बाद नहीं करना'

कमिंस ने बताया कि उन्होंने अपनी मां के निधन के बाद यह सीखा कि कैसे क्रिकेट के साथ अन्य चीजों पर भी ध्यान देना जरूरी है। वह मानते हैं कि समय कीमती है और इसे बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। कमिंस ने कहा कि हम अपने शेड्यूल में उतनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि लोग अपना जीवन जी सकें। यह निश्चित रूप से मां से सीखा गया एक सबक है। मैं समय बर्बाद नहीं करना चाहता।

यह भी पढ़ें : पैट कमिंस को SRH का कप्तान बनाना बड़ा ब्‍लंडर, दिग्गज बोले- क्या उनके टी20 आंकड़े देखे