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लेफ्ट आर्म स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने लिया संन्यास, अंतिम टेस्ट में लिए थे 10 विकेट

locationनई दिल्लीPublished: Feb 21, 2020 02:14:40 pm

Submitted by:

Mazkoor

Pragyan Ojha ने अपना आखिरी टेस्ट नवंबर 2013 में खेला था
यह मैच सचिन तेंदुलकर का विदाई टेस्ट था
प्रज्ञान ने 24 टेस्ट में लिए हैं 113 विकेट

Pragyan Ojha announced his Retirement

Pragyan Ojha announced his Retirement

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) से लंबे समय से बाहर चल रहे लेफ्ट आर्म स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने महज 33 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कह दिया। प्रज्ञान ने अपने संन्यास की घोषणा ट्विटर पर एक लेटर लिखकर की। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- अब जीवन के अगले चरण में बढ़ने का वक्त है। सभी का प्यार और समर्थन हमेशा उनके साथ रहेगा। ओझा के रिटायरमेंट पर आईसीसी ने भी ट्वीट किया है।

https://twitter.com/ICC/status/1230746983670771712?ref_src=twsrc%5Etfw

आखिरी टेस्ट में रहे थे मैन ऑफ द मैच

प्रज्ञान ओझा ने अपने अंतिम टेस्ट मैच की दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट लिए थे। यह वही ऐतिहासिक मैच था, जिसमें सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने संन्यास की घोषणा की थी। दुर्भाग्य से ओझा के लिए भी यही अंतिम टेस्ट मैच साबित हुआ। इस मैच में उन्होंने पहली पारी में 40 रन देकर पांच, और दूसरी पारी में 49 रन देकर पांच विकेट चटकाए थे। इस मैच में वह मैन ऑफ द मैच साबित हुए थे। कह सकते हैं कि सचिन को विजयी विदाई देने में उनका भी बड़ा योगदान था।

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बीसीसीआई समेत प्रशंसकों और खिलाड़ियों का जताया आभार

प्रज्ञान ओझा ने कहा कि इस स्तर पर खेलना उनका हमेशा से सपना था। वह इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। वह खुशकिस्मत हैं कि उनका सपना पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि उन्हें देशवासियों से बहुत प्यार और सम्मान मिला। ओझा ने बीसीसीआई का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि असाधारण अवसर देने और उन पर विश्वास जताने के लिए बीसीसीआई के वह आभारी हैं। इस मौके पर हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के प्रति भी उन्होंने अपना आभार जताया।

गांगुली का किया धन्यवाद

प्रज्ञान ज्ञान ओझा ने इस मौके पर सौरव गांगुली का भी धन्यवाद ज्ञापन किया। उन्होंने लिखा कि जब वह अपने करियर के खराब समय से जूझ रहे थे तो अपना अटूट समर्थन देने के लिए वह बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन और सौरव गांगुली के शुक्रगुजार हैं। बता दें कि अपने करियर के अंतिम सालों में प्रज्ञान ओझा बंगाल से रणजी खेलते थे। उन्होंने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्हें बिहार की टीम का कम से समय के लिए नेतृत्व की अनुमति मिली।

https://twitter.com/pragyanojha/status/1230725149311164417?ref_src=twsrc%5Etfw
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प्रभावशाली है टेस्ट रिकॉर्ड

प्रज्ञान ओझा का टेस्ट रिकॉर्ड काफी प्रभावशाली है। उन्होंने टीम इंडिया की तरफ से 24 टेस्ट करीब पांच विकेट प्रति टेस्ट के हिसाब से कुल 113 विकेट लिए हैं, जबकि 18 एकदिवसीय मैचों 21 विकेट चटकाए हैं। वहीं छह टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 10 विकेट लिए हैं। ओझा ने अपना अंतिम मैच नवंबर 2013 में मुंबई में खेला था। यह सचिन तेंदुलकर का विदाई मैच भी था। ओझा ने 2009 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था।

प्रज्ञान ओझा ने कुल 108 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 424 विकेट लिए। उन्होंने अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच नवंबर 2018 में बिहार की तरफ से खेला।

इस कारण करियर में आई बाधा

प्रज्ञान ओझा का अंतरराष्ट्रीय करियर असमय खत्म होने में 2014 में उन पर लगे संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के आरोप ने बड़ी भूमिका निभाई। इस कारण वह प्रतिबंधित कर दिए गए थे। पुनर्वास से गुजर कर उन्होंने जनवरी 2015 वापसी की, लेकिन इसके बाद वह अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म को नहीं पा सके।

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