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लंदन जाने के बाद कमरे से नहीं निकलते थे
उन्होंने कहा कि मुझे खांसी-जुकाम हुआ था और पापा ने मुझे मार्केट से कैफ सिरप लाकर दी और मैंने उसे दो दिन लिया और इसके तीसरे दिन मेरा डोप परीक्षण हुआ। मुझे प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजिटिव पाया गया। वह मेरे लिए वास्तव में कठिन दौर था, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। मैं अपनी छवि को लेकर चिंतित था कि लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे। मैं इन सब से दूर लंदन चला गया। वहां मैं अपने कमरे से ज्यादा बाहर नहीं निकलता था। उस वक्त मैं 8 महीने तक क्रिकेट से दूर रहा था।
आलोचकों को जवाब देने का खोजा तरीका
हाल ही एक इंटरव्यू में बात करते हुए शॉ ने बताया कि उन्होंने अपने आलोचकों को जवाब देने का तरीका ढूढ़ लिया है। उनका कहना है कि आप आलोचकों को ऐसे जवाब नहीं दे सकते। अगर आपको उन्हें जवाब देना है तो सबसे अच्छा तरीका है रन बनाओ।
शॉ का छलका दर्द
शॉ ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि कभी तो ऐसा लगता है कि सबकुछ छोड़ देना चाहिए। लेकिन टीम इंडिया के लिए खेलना हमेशा से मेरा एक सपना रहा है और मैं अपने इस सपने को नहीं तोड़ सकता।
ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर नहीं दिखा पाए कोई कमाल
टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर पृथ्वी शॉ पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए थे। भले ही इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन उनका यह प्रदर्शन टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए काफी नहीं था। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना भी पड़ा। जुलाई में इंग्लैंड का दौरा करने वाली टीम इंडिया में उनका सलेक्शन नहीं हुआ। लेकिन शॉ ने अभी भी हौंसला नहीं हारा है और वह लगातार प्रयास करते रहेंगे। उन्हें उम्मीद हैं कि वह एक दिन जरूर सफल होंगे।
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श्रीलंका दौरे मिल सकता है मौका
भले ही शॉ को इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली टीम इंडिया में मौका नहीं मिला हो, लेकिन जुलाई में श्रीलंका दौरे पर जाने वाली टीम इंडिया ए में उन्हें चांस मिल सकता है। यह टीम इंडिया 3 वनडे और 3 टी20 मैचों की सीरीज खेलेगी।