सचिन तेंदुलकर ने आगे कहा, ‘मैं जब-जब यहां पर इस पानी को पीने के लिए आता था तब-तब मंदिर में भगवान की ओर देखकर प्रार्थना करता था। मैं अपने करियर के दौरान लगातार इस चीज को करता रहा था। 2013 में अपने करियर का आखिरी मैच खेलने से पहले भी मैंने यही धार्मिक क्रिया निभाई थी जो मैं निभाता आ रहा था।’
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सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘कभी-कभी सुबह के 4 बजे या 3 बजे भी मैं यहां आ जाता था जब वहां कोई नहीं होता था। मैं तब जाकर इस धार्मिक क्रिया को करता था। मैं हर दौरे पर जाने से पहले जरूर ऐसा करता था। हर इंटरनेशनल गेम से पहले घर छोड़ते वक्त मैं यहां आकर अपनी प्रार्थना जरूर करता था।