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मतलब की एक बल्लेबाज ने 10.7 के औसत से रन बनाए, ऐसे तो कभी नहीं जीतेगा भारत!

एजबेस्टन टेस्ट में बल्ले से शानदार प्रदर्शन से विराट कोहली टेस्ट में नंबर एक बल्लेबाज बन गए हैं लेकिन उनको टीम को नहीं जीता पाने का मलाल होगा।

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Akashdeep Singh

Aug 06, 2018

नई दिल्ली।भारत बनाम इंग्लैंड एजबेस्टन टेस्ट में कप्तान विराट कोहली के अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज मैदान पर पैर नहीं जमा सका। कोहली के अलावा बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन अपने आप में एक शर्मनाक रिकॉर्ड है। इस मैच में कोहली के नाम ऐसे कई रिकॉर्ड दर्ज हुए जिसे वह कभी भी खुद दोहराना नहीं चाहेंगे। भारतीय टीम इस खराब प्रदर्शन के कारण पहला टेस्ट मैच 31 रनों से हार गयी। इस मैच में विराट के अलावा भारतीय बल्लेबाजों ने 10.7 की औसत से रन बनाए। कोहली ने ऊपरी क्रम के बल्लेबाजों को निचले क्रम के बल्लेबाजों से सीख लेने की भी सलाह दी है। आइये देखते हैं ऐसे नंबर जो बताएंगे कोहली के बिना क्या होता टीम का हाल।

कोहली के बिना भारतीय टीम-
इस मैच में भारत के 20 भारतीय बल्लेबाजों ने मिलकर 436 रन बनाए। जिसमें से अकेले कोहली का योगदान 200 रनों का रहा। कोहली के रनों को छोड़ दे तो भारत ने अन्य 10 बल्लेबाजों ने मिलकर मात्र 236 रन बनाए। रनों की ये संख्या तब और कम हो जाती है जब इसमें से वाइड, लेगबाई, नो बॉल मतलब की एक्स्ट्रा रन को हटा दिया जाए। भारत की दोनों पारियों में इंग्लैंड के गेंदबाजों ने कुल 22 गेंदें अतिरिक्त फेंकी। इन 22 अतिरिक्त रनों को हटा दें तो भारत के 10 बल्लेबाजों ने दोनों इनिंग में मिलकर मात्र 214 रन बनाए। यानी की 10 खिलाड़ियों ने 20 इनिंग में 214 रन बनाए। इन 20 पारियों में भारतीय बल्लेबाजों ने 10.7 की औसत से रन बनाए। टेस्ट मैच की दो इनिंग में मिलकर 10 बल्लेबाजों द्वारा बनाया गया यह स्कोर हमेशा हार ही दिलाएगा।


कोहली का अनचाहा रिकॉर्ड-
कोहली ने भारतीय बल्लेबाजों द्वारा दोनों इनिंग में बनाये गए रनों का 45.87 प्रतिशत खुद बनाया। यानी की 436 में से 200। यह किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा टेस्ट क्रिकेट में टीम के रनों में बनाये गए सबसे अधिक प्रतिशत रन हैं, जब टीम अपने सभी 20 विकेट खो देती है। इससे पहले यह रिकॉर्ड सुनील गावस्कर के नाम था जिन्होंने 1971 में पोर्ट ऑफ़ स्पेन में टीम के रनों के 43.71 प्रतिशत रन बनाए थे। तब उन्होंने 124 और 220 रनों की पारी के साथ टीम के 787 रनों में 344 रन खुद बनाए थे। कोहली के नाम यह एक ऐसा रिकॉर्ड हैं जिसे वह कभी दोहराना नहीं चाहेंगे। वह चाहेंगे कि टीम के और खिलाड़ी भी रन बनाए जिससे टीम जीत दर्ज कर सके।


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