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सुनील गावस्कर को कैसे मिला था ‘लिटिल मास्टर’ नाम, चाचा की वजह से बदली उनकी जिंदगी

locationनई दिल्लीPublished: Jul 10, 2019 11:48:39 am

Submitted by:

Kapil Tiwari

सुनील गावस्कर ( Sunil Gavaskar ) टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज थे।

Sunil Gavaskar

नई दिल्ली। क्रिकेट में जब-जब लिटिल मास्टर की बात आती है, तो ज्यादातर लोग समझते हैं कि सचिन तेंदुलकर की बात हो रही है। बहुत कम लोग जानते हैं कि भारत के ओरिजिनल लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर हैं।आज सुनील गावस्कर अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। 10 जुलाई 1949 को मुंबई में सुनील गावस्कर का जन्म हुआ था। टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले सुनील गावस्कर दुनिया के पहले बल्लेबाज थे।

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गावस्कर को मिला ऐसे मिला था ‘लिटिल मास्टर’ नाम

सुनील गावस्कर की गिनती टेस्ट क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में होती है। गावस्कर ने अपना पहला टेस्ट मैच दुनिया की सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ 1971 में खेला था। उन्होंने उस मुकाबले में बिना किसी चौके और छक्के की मदद से 65 रन बनाए थे। इतना ही नहीं गावस्कर ने इस सीरीज के एक मैच की दोनों पारियों में दो अर्द्धशतक लगाए थे। तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में भी गावस्कर ने शतक ठोका और दूसरे पारी में अर्धशतक लगाया था। यह वो दौर था जब वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे मजबूत टीम हुआ करती थी। वेस्टइंडीज के पास बेहद ही खौफनाक तेज गेंदबाज थे। गावस्कर का यहीं से नाम लिटिल मास्टर पड़ गया था।

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… तो गावस्कर नहीं बनते कभी क्रिकेटर

सुनील गावस्कर की जिंदगी में एक घटना ऐसी भी घटी थी, जिसे वो कभी नहीं भूल सकते। दरअसल, उनके जन्म के समय नर्स के हाथों ये गलती हुई थी। दरअसल, अस्पताल में नर्स ने गावस्कर को एक बच्चे के साथ बदल दिया था वो तो भला हो गावस्कर के चाचा का, जिन्होंने बदले हुए बच्चों को पहचान लिया।

अपनी बायोग्राफी ‘Sunny Days’ में गावस्कर ने बताया है कि ‘मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते.’ गावस्कर ने बताया ‘जब मेरा जन्म हुआ तब मेरे चाचा जिन्हें मैं नन-काका कहकर बुलाते था. वो मेरे जन्म के बाद अस्पताल में मुझे देखने आए थे और उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क देखा था।’

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अस्पताल में बदल गए थे बच्चे

गावस्कर ने आगे लिखा है कि जब अगले दिन चाचा फिर मिलने अस्पताल आए और उन्होंने बच्चे को गोद में उठाया, लेकिन उन्हें बच्चे के कान पर वो निशान नहीं मिला। तब जाकर उन्हें ये पता चला कि बच्चा कहीं बदल गया है। इसके बाद पूरे अस्पताल में नए जन्मे बच्चों को चेक किया गया. जिसके बाद मैं उन्हें मछुआरे की पत्नी के पास सोते हुए मिला।’ अस्पताल की नर्स ने गलती से गावस्कर को मछुआरे की पत्नी के पास सुला दिया था।

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