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बल्लेबाज के आउट होने को ‘डक’ क्यों कहते हैं? क्या इसका बत्तख से कोई संबंध है?

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर (RCB) के पूर्व कप्तान विराट कोहली इस सीजन तीन बार गोल्डन डक पर आउट हो चुके हैं। वहीं लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के कप्तान लोकेश राहुल डायमंड डक का शिकार हुए थे।

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मैच के दौरान रनआउट होते विराट कोहली।

इन दिनों सोशल मीडिया में डक, गोल्डन डक और डायमंड डक शब्द बहुत इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी वजह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का सीजन है। दरअसल जब कोई बल्लेबाज जीरो पर आउट हो जाता है तो उसे डक कहते हैं। किसी भी बल्लेबाज के लिए खाता खोले बिना आउट होना बहुत बुरा अनुभव होता है। क्रिकेट में आम तौर पर इसके लिए जिस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है वह है 'डक'। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलौर (RCB) के पूर्व कप्तान विराट कोहली इस सीजन तीन बार गोल्डन डक पर आउट हो चुके हैं। वहीं लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के कप्तान लोकेश राहुल डायमंड डक का शिकार हुए थे।

शून्य पर आउट होने के लिए यह डक शब्द कहां से आया -
इसके पीछे एक रोचक कहानी है। क्रिकेट में इस शब्द का इस्तेमाल टेस्ट क्रिकेट की शुरूआत से भी पहले हुआ था। दरअसल 1866 में खेले गए एक क्रिकेट मैच में वेल्स के प्रिन्स बिना खाता खोले ही आउट हो गए। अगले दिन अखबार में खबर छपी और उसकी हैडलाइन थी 'Prince Retired to The Royal Pavilion On a Duck’s Egg' बस फिर क्या था इसके बाद जब भी कोई बल्लेबाज शून्य पर आउट होता तो लोग कहते वह डक पर आउट हो गया।

क्रिकेट में शून्य को बत्तख के अंडे से इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि बत्तख के अंडे का आकार भी ज़ीरो (0) की तरह ही होता है। इसी वजह से इसे डक का नाम दिया गया है।

गोल्डन डक क्या होता है -
जब कोई बल्लेबाज अपनी पारी की पहली गेंद पर आउट हो जाता है तो उसे गोल्डन डक कहते हैं। जब भी किसी बल्लेबाज का स्कोर 0(1) होता है तो उसे गोल्डन डक कहा जाता है। वहीं अगर वह दूसरी गेंद या तीसरी गेंद पर आउट हो जाता है तो इसे क्रिकेट की भाषा में ‘सिल्वर डक’ और ‘ब्रोंज डक’ कहते हैं।

डायमंड डक क्या होता है -
जब कोई बल्लेबाज बिना कोई गेंद खेले जीरो पर आउट हो जाता है तो उसे डायमंड डक कहते हैं। मान लो बल्लेबाज़ नॉन-स्ट्राइकर छोर पर खड़ा है और रन लेते वक़्त वह रनआउट हो गया। तो इसे डायमंड डक कहेंगे। इसमें अगर कोई खिलाड़ी बैटिंग के दौरान पहली बॉल पर वाइड बॉल पर स्टम्प आउट हो जाता है तो भी वह डायमंड डक का शिकार माना जाएगा।

सबसे ज्यादा डक का रिकॉर्ड -
टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा डक बनाने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के कर्टनी वॉल्श के नाम है। वॉल्श अपने करियर में कुल 43 बार शून्य पर आउट हुए हैं। वॉल्श ने अपने करियर में कुल 132 टेस्ट मैच खेले हैं। भारत की ओर से शीर्ष 10 में जहीर खान का नाम आता है। जहीर इस तालिका में छठवें नंबर पर हैं। जहीर ने कुल 92 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें वह कुल 29 बार शून्य पर आउट हुए हैं।