जब सहवाग के लिए कोच से भिड़े दादा
जी हां! ये बात तो हर कोई जनता है के दादा अपनी टीम से कितना प्यार करते थे। कप्तान बनने के बाद मैदान से लेकर ड्रेसिंग रूम तक सिर्फ गांगुली की दादागिरी ही चलती थी। उनके अलावा भारतीय टीम के खिलाड़ियों कोई कुछ नहीं बोल सकता था। ऐसा ही कुछ हुआ जब टीम के कोच ने सहवाग पर जोर दिखाना चाहा। दरअसल भारतीय टीम के पूर्व मुख्या कोच जॉन राइट सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के प्रदर्शन से खुश नहीं थे। साल 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई ऐतिहासिक नटवेस्ट सीरीज के एक मैच में सहवाग 60 रन के स्कोर पर अपना विकेट फेक कर आ गए। इस बात से नाराज़ जॉन राइट ने ड्रेसिंग रूम में सहवाग का कॉलर पकड़ लिया और उन्हें खरी खोटी सुनाने लगे। कोच के कॉलर पकड़ने से टीम के सारे खिलाड़ी नाराज़ हो गए जिसके बाद जैसे ही यह बात दादा को पता चली उन्होंने जॉन राइट को कोच के पद से हटाने का फैसला कर लिया। गांगुली ने टीम मैनेजमेंट को इसकी शिकायत की। गांगुली की दबंगई देख जॉन राइट सहम गए और उन्हें मजबूरन सहवाग से माफी मांगनी पड़ी। तब कहीं जाकर गांगुली जॉन राइट के साथ प्रैक्टिस करने को तैयार हुए थे।
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दादा का करियर
साल 1992 से 2007 के बीच अपने 15 साल के अन्तर्राष्ट्रीय गांगुली ने 311 वनडे मैचों में 40.73 के औसत से 11363 रन बनाए और जिसमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं 113 टेस्ट मैचों में 42.18 के औसत से 7212 रन बनाए हैं। जिसमें उन्होंने 16 शतक और 35 अर्धशतक जड़े हैं।