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मोबाइल पर पोर्न दिखाकर सौतेली पोती से किया था दुराचार, कोर्ट ने 70 साल के आरोपी को सुनाई 7 साल की सजा

पीड़िता की सौतेली मां जब किसी काम से घर से बाहर जाती थी, तब दादा उसे मोबाइल पर पोर्न दिखाकर यौन शोषण करता था। 2014 के इस मामले पर अब कोर्ट ने सजा सुना दी है, साथ ही एक अहम टिप्पणी भी की है।

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हवस के भूखे लोग रिश्ते की मर्यादा को भी लांघ जाते हैं। कामवासना में वो इस कदर अंधे हो जाते हैं कि उन्हें नाते-रिश्तेदारी का भी इल्म नहीं होता। हालांकि बाद उन्हें अपने किए पर पछतावा होता है लेकिन तबतक उनकी प्रतिष्ठा धुमिल हो चुकी होती है। अभी मुंबई से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल मुंबई की एक कोर्ट ने 70 साल के बुर्जुग को 7 साल की जेल की सजा सुनाई है।

उम्र के मामले में आरोपी बुर्जुग है लेकिन उसकी हरकतें किसी सनकी जैसी है। दरअसल उक्त बुजुर्ग पर आरोप था कि उसने खुद की सौतेली पोती को मोबाइल पर पोर्न दिखाकर उसके साथ बार-बार यौन शोषण किया। इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी को सात साल जेल की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि पीड़िता इस घटना को शायद ही कभी भूल पाएंगी। इस जघन्य अपराध के लिए आरोपी को सजा तो मिलनी ही चाहिए।

जब सौतेली मां घर से बाहर होती थी तब पोर्न दिखाता था दादा
बताते चले कि यह मामला सितंबर 2014 का है। इस मामले में एफआईआर 7 सितंबर 2014 को दर्ज की गई थी। घटना के संबंध में बताया गया कि पीड़िता की सौतेली मां जब किसी काम से घर से बाहर जाती थी, तब दादा उसे मोबाइल पर पोर्न दिखाकर यौन शोषण करता था। 6 सितंबर को अचानक घर पहुंची पीड़िता की सौतेली मां ने दादा के साथ बच्ची को पोर्न देखते पकड़ा था। हालांकि तब आरोपी ने कहा था कि मैं गाना दिखा रहा था। जिसके बाद अगले दिन केस दर्ज करवाया गया था।

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माता-पिता को यह देखना चाहिए बच्चे मोबाइल में क्या देख रहे हैंः
मामले की सुनवाई के दौरान विशेष न्यायधीश एचडी शेंडे ने कहा कि जब चीजें हाथ से निकल जाती हैं, तो माता-पिता को इसका अहसास होता है कि अब रोने के सिवा कुछ भी नहीं बचा। यह मामला इसका ही एक उदाहरण है। कोर्ट ने कहा कि माता-पिता को यह देखना चाहिए कि उसके बच्चे मोबाइल में क्या देखते हैं। क्योंकि इस उम्र में वो सही-गलत का सही चुनाव कर पाते।

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ऐसे अपराधों पर पर्याप्त सजा देने की जरूरत
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह कहा भी कि नाबालिगों पर यौन हमले से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त सजा देने की जरूरत है। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि बलात्कार या यौन हमला न केवल महिलाओं के खिलाफ अपराध है बल्कि यह बड़े पैमाने पर समाज के खिलाफ एक गंभीर अपराध है। बाल पीड़ित हमलावरों के आसान शिकार होते हैं। ऐसे में बच्चों पर नजर जरूरी है।