16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मिलती-जुलती शक्ल के आदमी के साथ मिलकर फर्जी तरीके से बेची 15 करोड़ की जमीन, हैरान करने वाला मामला आया सामने 

दिल्ली पुलिस में तैनात चालक की मौत के 6 साल बाद भूमाफिया ने उसकी करीब 2 बीघा जमीन की रजिस्ट्री कई लोगों के नाम करा दी। यही नहीं यूआइटी ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए भू-रूपांतरण करके पट्टे भी जारी कर दिए।

2 min read
Google source verification

representative picture (patrika)

दिल्ली पुलिस में तैनात चालक की मौत के 6 साल बाद भूमाफिया ने उसकी करीब 2 बीघा जमीन की रजिस्ट्री कई लोगों के नाम करा दी। यही नहीं यूआइटी ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए भू-रूपांतरण करके पट्टे भी जारी कर दिए। चालक की विधवा पत्नी जमीन के लिए दर-दर की ठोकर खाने को विवश है और प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। भूमाफिया का एक भाई एक प्रभावशाली नेता के साथ उठता-बैठता है। ऐसे में प्रशासन कार्रवाई के लिए कदम नहीं बढ़ा पा रहा।

इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा

मामला शहर के विवेकानंद नगर के सेक्टर 4 का है। दिल्ली पुलिस में चालक के पद पर कार्यरत मदनलाल मीणा व सरदारा मीणा खसरा संख्या 1615 व 1621 में संयुक्त खातेदार थे। करीब 4 बीघा जमीन थी। 24 अगस्त, 1993 को मदनलाल की मौत हो गई। इसके बाद 18 फरवरी, 1999 को कपिल राजन व इंदर यादव ने मदन लाल की शक्ल से मिलते हुए जयपुर के व्यक्ति उदय सिंह को उप पंजीयन कार्यालय अलवर में प्रस्तुत करके पांच लोगों के नाम मदनलाल की 2 बीघा जमीन की रजिस्ट्री करा दी।

रजिस्ट्री पर खरीदारों के हस्ताक्षर भी नहीं है। इसके बाद इस जमीन का भू-रूपांतरण कराया और पट्टे भी यूआइटी से जारी करवा दिए गए। 20 से अधिक भूखंड बेचकर करोड़ों रुपए कमाए। बताया जा रहा है कि दो बीघा जमीन की कीमत करीब 15 करोड़ रुपए है।

यूआइटी ने भू-रूपांतरण से पहले मदनलाल के घर नहीं भेजी चिट्ठी

भू-रूपांतरण से पहले संबंधित व्यक्ति की जमीन के लिए उसके आवास पर चिट्ठी भेजी जाती है। सार्वजनिक सूचना भी समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई जाती है, लेकिन यूआइटी में तैनात अधिकारियों ने केवल सूचना सार्वजनिक की, लेकिन चिट्ठी नहीं भेजी जबकि इंतकाल में मदनलाल के घर का एड्रेस लिखा हुआ है। ऐसे में यूआइटी के अधिकारियों ने भूमाफिया के साथ मिलकर यह खेल किया। उसके कुछ समय बाद भूखंड बिक्री हुए तो पट्टे भी जारी कर दिए गए, जबकि मामला कोर्ट में चल रहा था।

कबूला, कहा- उदय सिंह को बनाया मदनलाल

यह मामला मदनलाल की विधवा पत्नी भगवती देवी को पता लगा, तो उन्होंने प्रशासन से लेकर सरकार तक शिकायतें की, लेकिन भूमाफिया बयते गए। एक भूमाफिया पुलिस के हत्थे चढ़ा, तो उसने कबूल किया कि उसने जयपुर के उदय सिंह को फर्जी तरीक से मदनलाल बनाकर जमीन की रजिस्ट्री करवाई है। प्रशासन से मामले को लेकर राहत नहीं मिली, तो यह मामला अब कोर्ट में चला गया।