25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

साइंस कॉलेज में बनेगा ऑडिटोरियम, दिल्ली की तर्ज होगा निर्माण

लोक निर्माण विभाग ने जारी किया वर्कआर्डर, 13 करोड़ 45 लाख रुपए आएगी लागत

2 min read
Google source verification
Science college bilaspur

साइंस कॉलेज में बनेगा ऑडिटोरियम, दिल्ली की तर्ज होगा निर्माण

बिलासपुर. लोक निर्माण विभाग ने सरकंडा सीपत रोड से लगे साइंस कॉलेज मैदान में प्रस्तावित ऑडिटोरियम निर्माण के लिए मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन को वर्क आर्डर जारी कर दिया है। यहां 13 करोड़ 45 लाख की लागत से 750 सीटर आडिटोरियम का निर्माण कराया जाएगा। नगर निगम बिलासपुर और जिला प्रशासन ने सरकंडा साइंस कॉलेज से लगे मैदान को दिल्ली के प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने की प्लानिंग की है। जिसके तहत लोक निर्माण विभाग को यहां आडिटोरियम के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया सरकार ने इस प्रस्ताव को गत 24 जुलाई 2017 को मंजूरी प्रदान करते हुए गत 9 मार्च 2017 को कंस्ट्रक्शन कंपनी को वर्क आर्डर जारी कर दिया है। ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए कार्यपूर्णता की अवधि 19 जून 2019 निर्धारित की गई है।

ऐसा होगा ऑडिटोरियम
750 सीटर की क्षमता वाले इस ऑडिटोरियम में करीब 1500 चरपहिया और दुपहिया वाहनों के पार्र्किंग के बेसमेंट और स्लीप पार्र्किंग का प्रावधान तय किया गया है।

लंबे समय से थी मांग
लगातार विस्तारित हो रहे शहर बढ़ती आबादी और बढ़ते वाहनों की संख्या को ध्यान में रखते हुए लंबे समय से शहर में एक सर्वसुविधा युक्त परिसर की मांग की जा रही थी जहां सभा समारोह और कला प्रेमियों के लिए स्थल का प्रावधान हो। इसी को ध्यान में रखते हुए इस परिसर को दिल्ली के प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने की प्लानिंग की गई। इस परिसर के विकसित होने के बाद मेला, सभा समारोह और प्रदर्शनी के अलावा शहर के कला प्रेमियों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक बड़ा परिसर मिल सकेगा।

विकास कंस्ट्रक्शन को वर्क आर्डर जारी
साइंस कॉलेज मैदान में आडिटोरियम के निर्माण के लिए विकास कंस्ट्रक्शन को वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। यह ऑउिटोरियम 750 सीटर होगा जिसमें बेसमेंट समेत दो पार्र्किंग का निर्माण कराया जाएगा। कंस्ट्रक्शन फर्म को जून 2019 तक कार्य पूर्ण करने निर्देश दिया गया है।
दीपक खंडेलवाल, सब इंजीनियर पीडब्ल्यूडी