पारिवारिक विवाद में बहू की मौत का यह मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का है। मृतका की पहचान 26 वर्षीय वंदना उर्फ गिन्नी के रूप में हुई है। वंदना सरकारी टीचर थी। उसके पति दिवाकर मिश्रा नेवी में है। वंदना की लाश पड़ाव पोखर के न्यू कॉलोनी शंकरपुरी लेन स्थित किराये के घर से मिली। उसके कमरे से पुलिस ने चार पेज का सुसाइड लेटर बरामद किया है। जिसमें वंदना ने अपनी परेशानियों का जिक्र किया है।
वंदना ने सुसाइड लेटर में लिखा है कि मैं आपसे माफी मांग-मांगकर अपनी ही नजरों में गिर गई हूं। आप लोग बहुत अच्छे हैं। मैं ही आप लोगों के साथ रहने लायक नहीं हूं। भगवान आप लोगों को हमेशा खुश रखें। वंदना के भाई ने ससुरालवालों पर दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है। जिसके बाद पुलिस ने वंदना के पति और ससुर को गिरफ्तार कर लिया है।
वंदना के भाई ने बताया कि 2022 में वंदना की शादी दिवाकर से हुई थी। तब हम लोगों ने अपनी हैसियत के हिसाब से सबकुछ दिया। लेकिन ससुराल वाले 20 लाख रुपए की और मांग कर रहे थे। रुपए नहीं मिलने पर प्रताड़ित करते थे। इस बीच वंदना शिक्षिका बन गई थी। उसकी नौकरी का भी ससुराल वालों ने विरोध किया। मनमुटाव इस कदर हो गया था कि शहर में खुद का फ्लैट होने के बाद भी वंदना किराये के घर में रहती थी।
वंदना के भाई ने आरोप लगाए कि पैसे नहीं देने पर बहन की हत्या कर शव को पंखे से लटका दिया। हालांकि शुरुआती जांच और सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस ने हत्या की बात को नकारा है। 4 पन्ने के सुसाइड नोट में वंदना ने पति से बहुत प्यार करने की बात लिखी है। इस सुसाइट लेटर में वंदना ने अपनी शादी से अभी तक की पूरी जर्नी को लिखा है।
सुसाइट नोट के अंतिम पन्ने पर वंदना ने लिखा कि ‘मेरे पतिदेव, ससुर, सास और ननद सभी बहुत अच्छे लोग हैं। अच्छे नहीं चारों लोग महान हैं। इस परिवार में 5वां कोई भी नहीं आ सकता है। जब दामाद नहीं रह पाया तो बहू कैसे रह पाती। पतिदेव से सिर्फ इतना कहूंगी की आपने मुझे बिल्कुल भी नहीं समझा। मैं आपसे बहुत-बहुत प्यार करती हूं। आपके अलावा मैं किसी के बारे में सोच भी नहीं सकती हूं।’
यह भी पढ़ें – विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: 90 प्रतिशत लोग इस वजह से करते हैं आत्महत्या
वंदना ने पति दिवाकर को लेकर लिखा कि ‘मैं आपके साथ जीना चाहती हूं। लेकिन बार- बार आपसे बिना कोई कारण के माफी मांगते-मांगते अपने ही नजरों में गिरती जा रही हूं। अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। क्योंकि आपके बिना मैं नहीं जी सकती। मुझे पता है कि आप भी यहीं चाहते हैं कि मैं आपके जीवन से चली जाऊं। खुश रहिए आप चार लोग। भगवान आपको खूब तरक्की दे।