
फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासाः सभी 11 लोगों ने नहीं की आत्महत्या, कुछ की हुई हत्या
नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी में 11 मौत के मामले में एक बार फिर नया मोड़ सामने आया है। अब फॉरेंसिक रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि परिवार के सभी 11 सदस्यों ने आत्महत्या नहीं की थी, बल्कि कुछ ही लोगों ने मौत को गले लगाया। कुछ लोगों की हत्या का दावा किया गया। फॉरेंसिक रिपोर्ट के इस दावे ने दिल्ली पुलिस की जांच पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है। अरुणा आसफ अली अस्पताल के फॉरेंसिक साइंस के सीनियर स्पेशलिस्ट डॉक्टर एलसी गुप्ता ने ये दावा किया है। गुप्ता के मुताबिक मरने वाले 11 लोगों में से कुछ की हत्या की गई है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट का दावा है कि जिस हालात में शव मिले, उन सभी का आत्महत्या करना संभव नहीं।
इन सवालों से मची खलबली
1. कोई भी पोस्टमार्टम सूर्यास्त के बाद नहीं किया जाता है। कानून के मुताबिक, अगर स्पेशल या हाईप्रोफाइल केस हो तो सूर्यास्त के बाद पोस्टमॉर्टम हो सकता है लेकिन उसके लिए इलाके के कलेक्टर से अनुमति लेना जरूरी है। क्या इस केस में पोस्टमॉर्टम के लिए कलेक्टर की अनुमति ली गई थी? क्योंकि पुलिस का ही दावा है कि रविवार की रात डॉक्टरों के एक पैनल ने छह शवों का पोस्टमॉर्टम किया था।
बुराड़ी केस में नया मोड़, डायरी लिखने वाला ललित नहीं बल्कि घर की महिला थी
2. आत्महत्या की तमाम वारदातों के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए सब्जी मंडी मॉर्च्यूरी में लाया जाता है। दिल्ली पुलिस भी रविवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे परिवार के 11 लोगों के शव लेकर यहीं पहुंची, लेकिन उसी दिन करीब 4 बजे दिल्ली पुलिस अचानक सभी शवों को लेकर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज चली गई।
3. हाइप्रोफाइल पोस्टमॉर्टम केस में दिल्ली के चार अलग-अलग अस्पतालों के डॉक्टरों को बुलाकर टीम बनाई जाती है। इस केस में ऐसा हुआ या नहीं ये भी एक सवाल है।
4. सीनियर डॉक्टरों के होते हुए इस केस में क्यों जूनियर डॉक्टरों को शामिल किया गया।
परिवार को था यकीन मौत के बाद लौट आएंगे सब, नाश्ता भी कर लिया था तैयार
पुलिस को रसोई घर से मिले थे छोले
जिस वक्त बुराड़ी कांड का पुलिस को पता चला पुलिस तुरंत उस घर में पहुंच गई। घर में तलाश के दौरान पुलिस को जो मिला वो भी चौंकाने वाला था। इस दौरान पुलिस रसोई घर से नाश्ते या फिर खाने के लिए भीगे हुए छोले मिले थे। यही नहीं परिवार के लोगों ने खाने के लिए दही भी जमाइ थी। उस वक्त पुलिस को यही लगा था कि सभी लोगों की हत्या की गई है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो जिस तरह से ललित ने अपनी डायरी में लिखा था कि बाबा उन्हें बचाने आएंगे। उसी को सच मानकर घर की महिलाओं ने अगले दिन नाश्ते के लिए तैयारी पूरी कर रखी थी।
Published on:
06 Jul 2018 01:10 pm
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