
बुराड़ीः पिता की मौत के बाद ललित का हुआ था कुछ लोगों से झगड़ा, दुकान में बद कर लगा दी थी आग
नई दिल्ली। दिल्ली के बुराड़ी में हुए 11 मौतों के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। घर से बरामद रजिस्टरों और नोटबुक से पुलिस को कई अहम बातें पता चली हैं। रजिस्टर के एक पेज पर जो कुछ लिखा है उससे साफ पता चलता है कि मौत से पहले पूरी तैयारी की गई थी। इस मामले में जो खुलासा हुआ है उसमें ये बात सामने आई है कि पिता की मौत के बाद ललित का कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। इस झगड़े के बाद से ललित के व्यवहार में अहम बदलाव आया।
दरअसल बुराड़ी में हुई 11 मौत का यह पूरा मामला बेहद नाटकीय तरीके से शुरू हुआ था।
भाटिया परिवार के मुखिया और ललित के पिता की मौत के बाद दुकान पर ललित का कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। इन हमलावरों ने उसे दुकान के अंदर बंद करके बाहर से आग लगा दी थी। इस हमले में ललित की जान तो बच गई, लेकिन दहशत में उसकी आवाज चली गई थी। इस घटना से ललित और भाटिया परिवार पूरी तरह टूट गया। कई साल तक ललित की आवाज नहीं लौटी थी।
ललित के सपने में आने लगे पिता
इस घटना के बाद से ललित को सपने में अपने पिता नजर आने लगे। यही नहीं वो अपने पिता से बातें भी करने लगा था। एक रजिस्टर के मुताबिक ललित घर वालों को बताता था कि वो पिता की आत्मा से बात करता है। ललित के सपने में एक दिन पिता आए और कहा कि वो चिंता न करे, जल्दी ही उसकी आवाज लौट आएगी। इस सपने को सुबह उठते ही उसने परिवार के साथ लिखकर साझा किया। फिर आए दिन सपने में ललित को अपने पिता दिखाई देने लगे।
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वारदात के सात दिन बाद भी सामने नहीं आया पूरा सच
आपको बता दें कि बुराड़ी में 11 मौत के मामले को आज एक हफ्ता पूरा हो गया है, लेकिन अब तक पुलिस मौत की सही वजह नहीं तलाश पाई है। हालांकि अब तक पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या का मामला समझ रही है,लेकिन रोज हो रहे खुलासों ने इसे काफी उलझा दिया है।
रजिस्टर में लिखी बातें कर देगी सन्न
- सबकी सोच एक जैसी हो
- पहले से ज़्यादा दृढ़ता हो
- स्नान करने की जरूरत नहीं है
- मुंह हाथ धो कर भी ये करते ही तुम्हारे आगे के काम दृढ़ता होने शुरू होंगे
- ढीलापन और अविश्वास नुकसानदायक होता है
- श्रम, तालमेल और आपसी सहयोग जरूरी होता है
- मंगल, शनि, वीर और इतवार फिर आऊंगा
- मध्यम रोशनी का प्रयोग करना है
- हाथ की पट्टी बचेगी उसे आंखों पर डबल कर लेना है
Published on:
08 Jul 2018 03:21 pm
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