
सीबीआई घूसकांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल, आलोक वर्मा के खिलाफ CVC को नहीं मिला सबूत
नई दिल्ली। सीबीआई घूसकांड में अब एक नया मोड़ आ गया है। मामले की जांच के लिए गठित केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को क्लीन चिट देने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीवीसी को वर्मा पर लगे दो करोड़ रुपए की रिश्वत के आरोपों की जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। केवी चौधरी की अगुआई वाली सीवीसी की 3 सदस्यीय कमेटी ने अस्थाना के सभी आरोपों को खारिज कर दिया। अब सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस मामले की सुनवाई होनी है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआईमें घूसखोरी पर विवाद के बाद केंद्र ने एक बड़ा फैसला उठाते हुए सीबीआई प्रमुख वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया गया था। अस्थाना ने वर्मा पर घूस लेने के आरोप लगाया था। छुट्टी पर भेजे जाने के बाद वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की थी। जिसपर अब सोमवार को दो जजों की बेंच सुनवाई करेगी। सीवीसी को दो सप्ताह के अंदर आलोक वर्मा से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी थी।
वर्मा-अस्थाना ने एक दूसरे पर लगाए थे आरोप
शुक्रवार को आलोक वर्मा और सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने सीवीसी के सामने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और खुद का बचाव किया था। सूत्रों ने बताया कि एक घंटे तक चली जिरह में वर्मा ने खुद के ऊपर अस्थाना द्वारा लगाए गए आरोपों से इन्कार किया। वर्मा ने सीवीसी को बताया कि अस्थाना ने उनके खिलाफ तुच्छ शिकायतें की, क्योंकि उसके (अस्थाना के) खिलाफ एफआईआर लंबित था, और उसे गिरफ्तारी का डर था। अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से इन्कार करते हुए वर्मा ने कहा यह आरोप इसलिए लगाए गए, क्योंकि वे अस्थाना के खिलाफ जांच की कार्रवाई कर रहे थे।
सीवीसी की ये टीम कर रही जांच
मामले की जांच केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के. वी. चौधरी की अगुवाई में बनी समिति कर रही है। जांच समिति में चौधरी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए. के. पटनायक और सतर्कता आयुक्त तेजेंद्र मोहन भसीन और शरद कुमार शामिल हैं।
Published on:
11 Nov 2018 05:52 pm
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