
FB पर Fake ID से अश्लील फोटो और मेसेज भेजने वाली महिला गिरफ्तार, CM के खिलाफ भी की थी अभद्र टिप्पणी
नई दिल्ली। साइबर ठग नए नए हथकंडों से रोजाना पुलिस को नई चुनौती दे रहे हैं। इस ही के चलते आजकल सोशल मीडिया पर दोस्ती का झांसा देकर लोगो से ठगी कर रहे हैं ये शातिर ठग। सोशल मीडिया के इस्तेमाल के बढ़ते, जालसाज यहीं अपना शिकार तलाशते हैं। फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों के पास दोस्ती के लिए रिक्वेस्ट भेजते हैं। रिक्वेस्ट स्वीकार होते ही ये अपनी बातों में फंसाकर उनसे उनकी निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं।
महिला बन करते हैं दोस्ती:
सोशल मीडिया पर ऐसी लाखों की संख्या में फर्जी प्रोफाइल है। जिन पर किसी महिला की फोटो लगी होती है। इस तरह के रिक्वेस्ट को लोग आसानी से स्वीकार कर लेते हैं। प्रोफाइल चलाने वाले ठग उनके साथ दोस्ती और प्यार की मीठी-मीठी बातें कर अकाउंट नंबर, पेटीएम डिटेल्स, यूपीआई डिटेल्स की जानकारी ले लेता है।
हनी ट्रैपिंग है सबसे प्रचलित तरीका:
हनी ट्रैपिंग ठगी का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। ठग आमतौर पर बड़े प्रोफाइल या ऐसे लोगों को शिकार बनाते हैं, जिन्हें सोशल मीडिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ऑनलाइन बातों के जरिये पहले उन लोगो के प्राइवेट फोटो और वीडियो लेकर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं।
एक्सपर्ट्स की राय:
साइबर क्राइम विशेषज्ञ अनुज अग्रवाल ने बताया कि यह एक प्रकार का विज्ञापन है। जिसमें जालसाज खास करके महिला के नाम से बनी प्रोफाइल से लोगों को दोस्ती की पेशकश करते हैं। जिसके बाद यह उन्हें ऑनलाइन अश्लील बातें, ऑनलाइन सेक्स जैसे अनेक तरीकों का प्रयोग करके अपने जाल में फंसा लेते हैं। उनके साथ अपनी किसी भी प्रकार की जानकारी शेयर ना करें।
छोटे बच्चो का करते हैं शिकार:
ये साइबर अपराधी अक्सर दोस्ती के बहाने छोटे बच्चों व लड़कियों को मिलने बुलाते हैं। कभी दोस्ती से मिलने का बहाना तो कभी नौकरी देने के बहाने से बुलाते हैं और फिर रेप जैसे घिनौने कृत्य करते हैं। या किडनैप कर फिरौती की मांग करते हैं।
ऐसे बचे फ्रेंडशिप फ्रॉड से:
1- सोशल मीडिया पर किसी को भी व्यक्तिगत जानकारी न दें।
2- सोशल मीडिया पर अपना कोई भी निजी डेटा न शेयर करें।
3 - अपनी प्रोफाइल पर प्राइवेसी सेटिंग लगा दें।
4- बच्चों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म की जांच करते रहें।
5 - बच्चों को इन दिनों होने वाली धोखाधड़ी के बारे में बताएं।
6- किसी के कहने पर कोई लिंक या किसी भी प्रकार का सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करें।
7- फिरौती की मांग या धमकी पर इसकी सूचना तत्काल पुलिस या साइबर सेल में दर्ज करवाएं।
Updated on:
27 Sept 2021 01:18 pm
Published on:
27 Sept 2021 01:05 pm
बड़ी खबरें
View Allक्राइम
ट्रेंडिंग
