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पुणे के कॉस्मोस बैंक से हैकर्स ने उड़ाए 94 करोड़ रुपए, कस्टमर की निजी जानकारियां भी गायब

हैकर्स ने 12,000 वीजा कार्ड ट्रांजैक्शन के माध्यम से 78 करोड़ रुपये हॉन्ग कॉन्ग समेत अन्य देशों के बैक खातों में भेज दिए हैं।

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Kapil Tiwari

Aug 14, 2018

cosmos bank Pune

cosmos bank Pune

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में साइबर हमले का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। दरअसल, पुणे के कॉस्मोस बैंक से संदिग्ध हैकरों ने 2 बार में 94.42 करोड़ रुपए की राशि उड़ा ली। हैकरों ने इस राशि को अलग-अलग घरेलू और कुछ विदेशी बैंकों के खातों में ट्रांसफर कर दिया है। इस घटना के बाद बैंक के अधिकारी सदमे में हैं। जानकारी के मुताबिक, बैंक पर ये हमला 11 और 13 अगस्त को हुआ है। बताया जा रहा है कि ये बैंक देश का दूसरा सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा कोऑपरेटिव बैंक है।

पुणे के कॉस्मोस बैंक पर हुआ साइबर हमला

कॉस्मोस बैंक के अधिकारियों ने चतुरशृंगी पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। एफआईआर के बाद मंगलवार को पुलिस ने ये जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, 11 अगस्त और 13 अगस्त को कनाडा, हॉन्ग कॉन्ग और भारत के कुछ एटीएम समेत कुल 25 एटीएम से फर्जी तरीके से ट्रांजैक्शन किए गए। बैंक का कहना है कि यह साइबर हमला उसके कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) पर नहीं हुआ है, बल्कि वीजा और रुपे डेबिट कार्डों के पेमेंट गेटवे पर हुआ है।

कस्टमर के वीजा और रुपे कार्ड की जानकारियां भी गायब

पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, बैंक 2 बार शनिवार और रविवार को साइबर हमले का शिकार हुआ। शिकायत में कहा गया है कि पहला हमला 11 अगस्त को दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच हुआ, जबकि 13 अगस्त को साइबर हमला सुबह साढ़े ग्यारह बजे के करीब हुआ। इससे बैंक के गणेशखंड मार्ग स्थित मुख्यालय में काम प्रभावित हुआ। साइबर हमले के दौरान बैंक के मुख्यालय के सर्वर से हमलावरों ने ग्राहकों के वीजा और रुपे डेबिट कार्ड की जानकारियां भी उड़ा ली। हैकर्स ने 12,000 वीजा कार्ड ट्रांजैक्शन के माध्यम से 78 करोड़ रुपये हॉन्ग कॉन्ग समेत अन्य देशों के बैक खातों में भेज दिए हैं।

कस्टमर को नहीं है घबराने की जरूरत

वहीं इस साइबर हमले के बाद जिन लोगों का इस बैंक में खाता है उनको डर सता रहा है कि कहीं उनका पैसा ना डूब जाए, लेकिन बैंक की तरफ से ये साफ कर दिया गया है कि इस साइबर हमले से किसी भी कस्टमर को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा, पूरे नुकसान को बैंक खुद झेलेगा।