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मुझ पर थी भारतीय सैनिकों को जासूस बनाने की जिम्मेदारी : हेडली

हेडली ने कहा कि उसे ऐसे भारतीय रक्षा अधिकारियों की भर्ती करने के लिए भी कहा गया था, जो पाकिस्तान के लिए जासूसी कर सकें

Feb 09, 2016 / 09:50 pm

जमील खान

David Headley

David Headley

मुंबईे। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी से गवाह बने पाकिस्तानी मूल के अमरीकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए खुलासा किया कि उसे भारत में सैन्य खुफिया जानकारियां जुटाने और भारतीय सेना के अंदर से जासूसों की नियुक्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हेडली (56) ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अमरीका की एक जेल से यहां विशेष टाडा न्यायाधीश जी.ए. सनप के सामने यह खुलासा किया। उसने कहा कि उसका काम भारतीय सैनिकों को जासूस बनाकर उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने के लिए तैयार करना था।
 
विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम के पूछने पर हेडली ने इस बात को कबूल किया कि वह लश्कर और आईएसआई, दोनों के लिए काम करता था। हेडली ने कहा कि मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमले से एक साल पहले हमले को अंजाम देने की योजना थी।

हेडली ने बताया कि नवंबर-दिसंबर 2007 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद शहर में उसने बैठक में हिस्सा लिया था। इसमें लश्कर के साजिद मीर और अबु कहाफा भी शामिल हुए थे। उससे मुंबई के ताजमहल पैलेस होटल व अन्य स्थानों की रेकी के लिए कहा गया।

उसने बताया कि बैठक में लश्कर नेताओं ने उसे गेटवे आफ इंडिया के सामने होटल में होने वाले भारतीय रक्षा अधिकारियों व वैज्ञानिकों के प्रस्तावित सम्मेलन की जानकारी दी। उससे खास तौर से होटल की दूसरी मंजिल का वीडियो बनाने के लिए कहा गया। उसने अपनी पत्नी फैजा के साथ इस काम को अंजाम दिया। उसने कोलाबा में नाव के पहुंचने की जगह जैसी तमाम जानकारियां पाकिस्तानी सेना के मेजर इकबाल को दीं।

हेडली ने बताया कि होटल ताज के अलावा उसने महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय, नौसेना और वायुसेना अड्डे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, सिद्धि विनायक मंदिर, लियोपॉल्ड कैफे, कोलाबा पुलिस स्टेशन, होटल ट्राइडेंट-ओबराय और स्थानीय बाजारों के भी वीडियो बनाए थे। हेडली ने कहा, होटल के वीडियो और फोटो मैंने साजिद मीर और मेजर इकबाल को सौंपे। दोनों उसके काम से संतुष्ट थे। हेडली ने कहा कि साजो-सामान की दिक्कत की वजह से ताज में होने वाले सम्मेलन पर हमले को रद्द कर दिया गया था।

लेकिन, उसने कहा कि ये सारा डाटा जीपीएस उपकरण में आगे के इस्तेमाल के लिए सुरक्षित रख लिया गया। हेडली ने कहा कि पाकिस्तान में लश्कर, अल कायदा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूह युनाइटेड जेहाद कौंसिल के बैनर तले भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।

निकम ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि हेडली ने कहा कि लश्कर और आईएसआई का बहुत गहरा संबंध है। उसने माना कि उसने लश्कर और आईएसआई, दोनों के लिए काम किया था। उसने कहा कि हाफिज सईद लश्कर का ‘आध्यात्मिक नेताÓ है, जबकि जकी-उर-रहमान लखवी इसका ‘सामरिक कमांडर।’ इनका मुख्य लक्ष्य भारत में आतंक फैलाना है।

हेडली ने कहा कि उसने 2003 में लश्कर की एक बैठक में हिस्सा लिया था, जिसमें मौलाना मसूद अजहर भी था। बैठक में अजहर ने भारत विरोधी गतिविधियों और भारत से उसे रिहा किए जाने के बारे में जानकारी दी थी। अजहर को दिसंबर 1999 में अगवा इंडियन एयरलाइंस के विमान के यात्रियों को छुड़ाने के बदले में छोड़ा गया था। निकम ने कहा कि हेडली की गवाही बुधवार को भी जारी रहेगी।

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