
नई दिल्ली। कठुआ में आठ साल की मासूम के साथ हुई हैवानियत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बच्चों के हितों की रक्षा के लिए काम करने वाली संस्था और यूएन ने भी इस वारदात की कड़ी निंदा की है। इसी बीच बच्चों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन क्राई (चाइल्ड राइट्स एंड यू) ने देश को शर्मसार कर देने वाली रिपोर्ट जारी की है। क्राई ने कहा कि देश में हर 15 मिनट में एक बालक / बालिका यौन अपराध का शिकार होती है
बाल यौन हिंसा में यूपी सबसे आगे
बाल यौन अपराध के मामले में देश के सबसे बड़े राज्य की स्थिति सबसे बदतर है। क्राई ने देश में सभी तरह के बाल यौन अपराधों के लिए पांच प्रमुख राज्यों की सूची भी जारी की है जिसमें उत्तर प्रदेश 14 फीसदी मामलों के साथ सर्वाधिक बाल यौन अपराध वाला राज्य है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 13-13 प्रतिशत , पश्चिम बंगाल में छह प्रतिशत और ओडिशा में पांच प्रतिशत मामले हुए हैं।
10 साल में 500 गुना बढ़ गया बाल यौन अपराध
क्राई के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में बाल यौन अपराध में 500 फीसदी की बढोतरी हुयी है। वर्ष 2006 में जहां इस तरह के 18,967 मामले हुए थे वहीं वर्ष 2016 में यह संख्या बढ़कर 1,06,958 पर पहुंच गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2012 से 16 के दौरान इसमें तीव्र बढोतरी हुई है जबकि वर्ष 2006-11 के दौरान कुछ ये रफ्तार कुछ कम हुई थी।
प्रत्येक 15 मिनट पर बच्चे से यौन हिंसा
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2015-16 के दौरान इस तरह के मामलों में 14 फीसदी की बढोतरी हुई है। पोस्को के आंकड़ों के अनुसार देश में होने वाले सभी तरह के बाल अपराध में यौन अपराध की हिस्सेदारी एक तिहाई रही है और हर 15 मिनट में एक बालक/ बालिका के साथ यौन अपराध होता है। पिछले पांच वर्षों में बाल यौन अपराध में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अनुसार वर्ष 2016 में बाल अपराध में बलात्कार की हिस्सेदारी 18 फीसदी है जबकि अपरहण और चोरी की कुल हिस्सेदारी 51.1 प्रतिशत है।
बीजेपी शासित राज्यों में स्थिति बदतर
बाल अपराध के दर्ज मामलों में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है। इस मामले में भी उत्तर प्रदेश 15 प्रतिशत के साथ शीर्ष पर है। महाराष्ट्र 14 प्रतिशत के साथ दूसरे, मध्य प्रदेश 13 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। देश के 11 राज्यों में होने वाले बाल अपराध में यौन अपराध की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है। देश के 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में से 25 में होने वाले बाल अपराधों में एक तिहाई हिस्सेदारी बाल यौन अपराध की है।
Published on:
19 Apr 2018 09:18 pm
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