मौत के साथ खाने-पीने का सामान
आतंकियों ने सेना से बचने के लिए एक खुफिया गुफा बनाई। इस गुफा को किश्तवाड़ के केशवान क्षेत्र में सेना की 26 राष्ट्रीय राइफल और पुलिस के विशेष दस्ते ने गुप्त सूचना के बाद ढूंढ निकाला। सेना ने फिलहाल इस गुफा का ध्वस्त कर दिया है। लेकिन इससे पहले इस गुफा में गोला-बारूद समेत मौत का हर वो सामान मौजूद था, जिससे इलाके में दहशत फैलाई जा सके। यही नहीं इस गुफा में छिपे रहने के लिए आतंकियों ने खाने-पीने की चीजों का भी बखूबी इंतजाम कर रखा था।
आतंकियों ने सेना से बचने के लिए एक खुफिया गुफा बनाई। इस गुफा को किश्तवाड़ के केशवान क्षेत्र में सेना की 26 राष्ट्रीय राइफल और पुलिस के विशेष दस्ते ने गुप्त सूचना के बाद ढूंढ निकाला। सेना ने फिलहाल इस गुफा का ध्वस्त कर दिया है। लेकिन इससे पहले इस गुफा में गोला-बारूद समेत मौत का हर वो सामान मौजूद था, जिससे इलाके में दहशत फैलाई जा सके। यही नहीं इस गुफा में छिपे रहने के लिए आतंकियों ने खाने-पीने की चीजों का भी बखूबी इंतजाम कर रखा था।
गुफा में था घर जैसा माहौल
इस दहशत की गुफा को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने बनाया था। सेना को इस बात की सूचना मिली थी कि जंगल में घिरे केशवान में इस आतंकी संगठन के जमला दिन ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। जमाल यहीं से संगठन के मंसूबों को अंजाम देने में जुटा है। सेना ने सूचना के आधार पर इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस क्षेत्र में जैसे ही पौधों को हटाना शुरू किया तो सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। इस खुफिया गुफा का दरवाजा मिला। जब सेना के जवान अंदर पहुंचे यहां एक घर जैसा माहौल देखने को मिला। जहां जरूरत की हर चीज मौजूद थी। इसके बाद पूरे ठिकाने को तबाह किया गया।
इस दहशत की गुफा को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने बनाया था। सेना को इस बात की सूचना मिली थी कि जंगल में घिरे केशवान में इस आतंकी संगठन के जमला दिन ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। जमाल यहीं से संगठन के मंसूबों को अंजाम देने में जुटा है। सेना ने सूचना के आधार पर इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस क्षेत्र में जैसे ही पौधों को हटाना शुरू किया तो सेना को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। इस खुफिया गुफा का दरवाजा मिला। जब सेना के जवान अंदर पहुंचे यहां एक घर जैसा माहौल देखने को मिला। जहां जरूरत की हर चीज मौजूद थी। इसके बाद पूरे ठिकाने को तबाह किया गया।
आतंकियों की तलाश में जुटी सेना
दहशत की इस गुफा से फिलहाल आतंकी भाग गए हैं। सेना को यकीन है कि यहां जमाल और उसके साथी ज्यादा दूर नहीं गए होंगे। यही वजह है कि इन आतंकियों को तलाश में अब सेना जुट गई है।
दहशत की इस गुफा से फिलहाल आतंकी भाग गए हैं। सेना को यकीन है कि यहां जमाल और उसके साथी ज्यादा दूर नहीं गए होंगे। यही वजह है कि इन आतंकियों को तलाश में अब सेना जुट गई है।
आतंक मुक्त होगा किश्तवाड़
चिनाब घाटी का किश्तवाड़ इलाका जल्द आतंक मुक्त होगा। सेना ने इसके लिए अपनी नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत इलाके में सक्रिय सात आतंकियों के खात्मे के लिए पुलिस अपने पुराने योद्धाओं को मैदान में उतारने जा रही है। इसमें पहला नाम इंस्पेक्टर सज्जाद खान का है जिन्होंने आतंक के वक्त में अच्छा काम किया है।
चिनाब घाटी का किश्तवाड़ इलाका जल्द आतंक मुक्त होगा। सेना ने इसके लिए अपनी नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत इलाके में सक्रिय सात आतंकियों के खात्मे के लिए पुलिस अपने पुराने योद्धाओं को मैदान में उतारने जा रही है। इसमें पहला नाम इंस्पेक्टर सज्जाद खान का है जिन्होंने आतंक के वक्त में अच्छा काम किया है।
किश्तवाड़ में इन 7 आतंकियों की दहशत
किश्तवाड़ में दो साल के अंदर सात आतंकियों ने जमकर उत्पात मचाया है। इन सात खूंखार आतंकियों की वजह से इलाके मेंदहशत का माहौल है। इन आतंकियों में मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी, रियाज अहमद उर्फ हजारी, तालिब हुसैन, ओसामा बिन जावेद उर्फ ओसामा, मुदसिर हुसैन, जमाल दीन और जुनैद अकरम शामिल हैं।