अदालत ने दो को सुनाई थी मौत की सजा इससे पहले जुलाई 2019 में पुणे बीपीओ सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति स्वप्ना जोशी ने दोषियों द्वारा उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की याचिका को स्वीकार किया। सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपियों की सजा मौत से उम्रकैद में बदल दी थी। अदालत ने दोनों आरोपियों के जेल में बिताए समय को ध्यान में रखते हुए आदेश में कहा कि उन्हें 35 वर्ष जेल में बिताने होंगे।