
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु और एक ड्राइवर की मॉब लिंचिंग ( Mob Lynching ) में पीट पीटकर हत्या की घटना के बाद राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। वहीं महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ( Home Minister Anil Deshmukh ) ने कहा कि इस मामले में अब तक 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नाबालिग होने के कारण इनमें से 9 को जुवेनाइल होम भेजा गया है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस घटना के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे। उन्होंने घटना की जांच का आदेश दिए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि इस घटना को किसी से सांप्रदायिक रंग नहीं देने की भी चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं। देशमुख ने ट्वीट कर बताया है कि सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 110 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। लेकिन उन्होंने कहा कि बेवजह प्रदेश में धार्मिक विवाद निर्माण करनेवालों पर पुलिस को कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि आरोपितों को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पालघर की घटना को लेकर संत समाज में रोष व्याप्त है, जबकि बीजेपी ने इसकी जांच की मांग करते हुए पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है। महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर इस घटना को सभ्य समाज पर कलंक बताया है।
बता दें कि पालघर जिले में करीब 200 लोगों की भीड़ ने चोर होने के शक में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बाद में इनमें से 2 लोगों के साधु होने की पुष्टि हुई, जबकि तीसरा शख्स ड्राइवर बताया गया। यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार रात ये लोग मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे। घटना को लेकर विपक्ष, उद्धव सरकार पर लगातार हमलवार है।
Updated on:
20 Apr 2020 10:55 am
Published on:
20 Apr 2020 10:10 am
बड़ी खबरें
View Allक्राइम
ट्रेंडिंग
