प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने वाले में प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुआ, मणिरत्नम, अदूर गोपालकृष्णन, और अनुराग कश्यप जैसी बड़ी हस्तियां शामिल हैं। इन लोगों ने ( Mob Lynching ) पत्र के माध्यम से पीएम मोदी से देश में ऐसा माहौल बनाने की डिमांड की है, जहां असंतोष के दमन के लिए ऐसे घातक कदम न उठाए जाएं। इसके साथ ही देश एक मजबूत राष्ट्र बनाने की दिशा में बेहतर माहौल तैयार हो सके।
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प्रधानमंत्री के नाम इस पत्र में यह भी लिखा धार्मिक व भड़काऊ भाषणों पर भी अफसोस जताया गया। कहा गया कि जय श्री राम आज एक भड़काऊ युद्ध ( Mob Lynching ) में तब्दील हो गया है। पत्र में लिखा कि धार्मिक उन्माद के लिए श्री राम के नारे का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने पीएम से मांग करते हुए कहा कि दलित और अल्पसंख्यकों के खिलाफ लिंचिंग पर रोक लगनी चाहिए।
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पत्र में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े भी दिखाए गए—
उन्होंने कहा कि अब तक दलित समुदाय के खिलाफ अत्याचार ( Mob Lynching ) की 840 घटनाएं हो चुकी हैं। इन मामलोें में क्या कार्रवाई की गई। इसके साथ ही कांग्रेस ने भी राज्यसभा में मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि देश की मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में सांप्रदाकिता का माहौल है।