रीजनल फारेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) रोहिणी सैकिया ने मीडिया को बताया है कि आरोपी काजीरंगा के काहरा रेंज में टाइगर (बाघ) की हत्या करने के बाद उसका खाल और हड्डियां निकाल रहे थे। उसी समय सुरक्षाकर्मियों की नजर उनपर पड़ी। वन सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सैकिया ने कहा कि बाघ की हत्या कार्बी अंगलोंग जिले के कोरजुटपहाड़ इलाके में की गई। हमें लगता है कि हत्या करीब 25 दिनों पहले की गई और आरोपित इसके अंगों को तस्करी के जरिए बाहर भेजना चाहते थे।
आपको बता दें कि जानवरों के शरीर के हिस्सों की दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में काफी मांग है। कुछ जगहों पर इनसे पारंपरिक दवाएं बनाई जाती हैं। असम के वन मंत्री परिमल शुक्लबैद्य ने वन विभाग के कार्रवाई की प्रशंसा की है।