
तंत्र-मंत्र के चक्कर में एक दंपती ने अपने ही चार साल के बेटे की चढ़ा डाली बलि, इलाके में दहशत
नई दिल्ली। बिहार से एक बार फिर दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पिछले एक महीने के अंदर बिहार से कई सनसनीखेज मामले सामने आए हैं लेकिन ये घटना आपके होश उड़ा देगी। दरअसल अंधविश्वास के चलते मां-बाप ने अपने ही बेटे की बलि चढ़ा डाली। घटना बिहार के बांका जिले के नक्सल प्रभावित बेलहर प्रखंड के टेंगरा गांव की है। जहां एक तांत्रिक दंपती ने दुर्गापूजा के अवसर पर तांत्रिक विधि से महाष्टमी पूजा अनुष्ठान करने के बाद अपने चार वर्षीय बेटे की बलि चढ़ा दी।
मासूम के सिर में ठोंक दी कील
घटना मंगलवार की रात की है। बुधवार की सुबह घटना की खबर आग की तरह फैल गई। जिसे भी इसकी जानकारी मिली, सिहर उठा। मिली जानकारी के मुताबिक तांत्रिक योगेंद्र पंडित और उसकी पत्नी मुनिया देवी पिछले कई वर्षों से तंत्र विद्या की सिद्धि में लगे हैं। दोनों आए दिन घर से बाहर ही रहते हैं। मंगलवार की सुबह दंपती ने घर पहुंचकर तंत्र साधना शुरू की। इसी दौरान उन्होंने चार साल के मासूम बेटे गुलिया कुमार के सिर में कील ठोक कर उसकी नरबलि दे डाली। इस घटना के बाद से ही इलाके में दहशत का माहौल है।
घटना को अंजाम देने के बाद दोनों पति-पत्नी बेटे के शव को एक झाड़ी में फेंक कर वहां से फरार हो गए। गांव वालों और आस-पास के इलाके के लोगों को जैसे ही घटना की जानकारी लगी उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
डेढ़ दशक से कर रहे तंत्र-मंत्र
इलाके के लोगों की माने तो ये दंपती एक दो नहीं बल्कि डेढ़ दशक यानी करीब 15 साल से तांत्रिक गतिविधियों में लिप्त है। तंत्र-मंत्र के जरिये लोगों का इलाज करने के चलते आमतौर पर ये दंपती दिल्ली, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में आता-जाता रहता है।
दो शादियां कर चुका था तांत्रिक
अपने बेटे की बलि चढ़ाने वाला तांत्रिक पिता पहले भी एक शादी कर चुका था। पांच साल पहले उसकी पहली पत्नी की मौत हो गई थी। हालांकि उसकी भी सिर कटी लाश एक कुएं से मिली थी। पहली पत्नी से इस तांत्रिक को चार संतानें हैं। पास के गांव से तंत्र-मंत्र सीखने मुनिया नाम की शादीशुदा महिला तांत्रिक के पास आती थी, नजदीकियां बढ़ने के बाद दोनों ने शादी कर ली।
दूसरी पत्नी से था चार साल का बेटा
चार वर्ष पूर्व तांत्रिक दंपती को एक पुत्र पैदा हुआ था, जिसका नाम उन्होंने गुलिया रखा था। तांत्रिक ने उसी की नरबलि दी। तांत्रिक के पुत्र रामरतन ने बताया कि गुलिया उन लोगों के साथ ही रहता था। मंगलवार की दोपहर एक बजे पिता ने उसके छोटे भाई रामविलास को गुलिया के लिए बिस्कुट लाने को कहा था। बिस्कुट लाकर उसे देने के कुछ ही मिनट बाद गुलिया उनकी नजरों से गायब हो गया। बताया जाता है कि उसे नहला कर नया वस्त्र पहनाया गया था। उसके बाद अगरबत्ती व धूप जलाकर पूजा-अर्चना की गई थी।
पुलिस को नहीं घटना की जानकारी
दिल दहला देने वाली इस घटना को लेकर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। थाना प्रभारी के मुताबिक उन्हें इस मामले की जानकारी ही नहीं है। हालांकि उन्होंने पुलिस को घटनास्थल पर भेज कर मामले की जांच कराने की बात कही है।
Published on:
18 Oct 2018 09:42 am
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