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जिले की गौशालाओं में बिजली-पानी का संकट, क्योंकि बजट नहीं है

20 का पंजीयन कराया, शुरू सिर्फ दो कर पाए

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जिले की गौशालाओं में बिजली-पानी का संकट, क्योंकि बजट नहीं है

जिले की गौशालाओं में बिजली-पानी का संकट, क्योंकि बजट नहीं है

नीमच. जिले में गौ वंश को बेहतर माहौल देने के लिए सरकारी गौशाला का निर्माण तो किया, लेकिन इनमें बेहतर संसाधन का अभाव है। अब तक इन गौशाला में बिजली से लेकर पानी की व्यवस्था करने में जिम्मेदार सफल नहीं हो पाए। कुल 22 सरकारी गौशाला का निर्माण हुआ, इसमें से 20 का पंजीयन कराया, जब बारी इनको संचालन करने की आई तो शुरू सिर्फ दो हो पाई। लाखों रुपए व्यय के बाद भी बनी हुई गौशाला का उपयोग नहीं हो पा रहा है। जिम्मेदारों को इस और ध्यान देने की जरूरत है।
जिले में यहां-वहां विचरण करने वाले गौवंशीय को आश्रय देने के लिए लाखों रुपए का व्यय कर गौशाला का निर्माण तो किया, लेकिन इनके के संचालन में लापरवाही जारी है। शहर के मुख्य मार्ग हो या गली, खेत खलिहान हो या गांव की पगडंडी, मवेशियों के झूंड के झूंड के आने से आमजन परेशान है। शहर में जहां रोड के मवेशी सुंदरता में बाधक है व कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते है तो अंचल में ये एक साथ खेत में जाकर उपज को नुकसान पहुंचा रहे है। दूसरी तरफ शासन की योजना के बाद लाखों रुपए का व्यय कर इन गौशाला का निर्माण तो कर दिया, लेकिन जब बारी उपयोग की आई तो अब तक जिम्मेदार कुछ करने में सफल नहीं हो पाए है। ऐसे में जिन मवेशी को गौशाला में रहना था, वे रोड पर विचरण करते नजर आ रहे।

भुगतान के बाद भी संचालन नहीं
कोरोना के बाद वर्ष 2020 - 21 में मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत जिले में 22 सरकारी गौशाला के निर्माण की मंजूरी दी। समय पर इनका निर्माण भी होनहारों ने कर दिखाया। इसके बाद जब बारी इनके शुरू करने की आई बस यही जाकर जिम्मेदार कमजोर साबित हुए। गौशाला में जो गौवंश रहता है, उसके लिए प्रति मवेशी 20 रुपए का भुगतान गौशाला संचालक को मिलता है। इसमें से 15 रुपए का चारा व 5 रुपए सुदाना की राशि के दिए जाते है। इस राशि को पशु पालन विभाग की तरफ से दिया जाता है।

इनको शुरू होने का इंतजार
इसी वर्ष 15 मार्च को राधाकृष्ण गौशाला समिति छायन, श्रीनंद गौशाला समिति तलऊ मनासा, श्रीकृष्ण गौशाला समिति तुमड़ा आंकली, श्रीकृष्ण गौशाला समिति मजीरिया, श्रीङ्क्षचताहरण बालाजी गौशाला समिति खेतपालिया, श्री देवनारायण गौशाला समिति बनड़ा, राधाकृष्ण गौशाला समिति हनुमंतिया, श्री बालाजी गोपालन समिति पिलखेड़ी,
श्री सांवलिया गौशाला समिति नलवा, श्री चारभुजा गौशाला समिति कंजाड़ा, श्री राधाकृष्ण गौशाला समिति चेनपुरिया के संचालन की मंजूरी दी। जबकि 12 जून को श्रीकृष्ण गौशाला समिति ग्राम पानोली, श्रीकृष्ण गौशाला समिति उपरेडा, श्रीनाथ गौशाला समिति भवरासा, 5 सितंबर को श्री सुंदावन गौशाला चल्दू, श्री यशोदा विहार गौशाला धनगांव के संचालन की मंजूरी दी गई।

बजट का अभाव है
जिले में 22 सरकारी गौशाला का निर्माण हुआ है। इनमें से 20 का पंजीयन हुआ है। हालांकि संचालन तीन का ही शुरू हो सका। अधिकांश स्थान पर विद्युत व पानी की समस्या है। इसके लिए बजट का अभाव है। कुछ गौशाला के लिए जिला पंचायत व्यवस्था कर रही है तो कुछ के लिए हमने गौ संवर्धन बोर्ड से बजट मांगा है। जिसके मिलते ही वहां बिजली-पानी की व्यवस्था कर संचालन शुरू हो जाएगा।
- केके शर्मा, प्रभारी उपसंचालक पशु चिकित्सा विभाग, नीमच