
बसई में आंचल कक्ष के बाहर लगी गुमटियां।
बसई. सांसद आदर्श ग्राम योजना के चिह्नित ग्राम बसई में अभी भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। वर्ष 2014 के लोकसभा निर्वाचन में भिण्ड-दतिया संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले तत्कालीन सांसद भागीरथ प्रसाद द्वारा ग्राम पंचायत उनाव एवं ग्राम पंचायत बसई को गोद लिया गया था। सांसद द्वारा गोद लिए गए इन दोनों गांवों को सांसद आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किया जाना था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी और राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में यह प्रयास पूर्णत: फलीभूत नहीं हो सके। दोनों ही गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। अगर बसई पंचायत की बात करें तो यहां व्यवस्थित मुक्तिधाम का अभाव है। मुक्तिधाम पर न बैठने की जगह है और न ही नियमित रूप से सफाई होती है। खेल मैदान के अभाव में बच्चे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य मूलभूत सुविधाओं की दरकार भी सालों बाद बसई को है। मसलन ग्राम पंचायत बसई में अभी भी सड़क पर ही सब्जी मंडी लगती है। बस स्टैंड पर अतिक्रमण व्याप्त है। बसें भी मुख्य मार्ग पर ही खड़ी होती हैं। बरसात में जलभराव और कीचड़ की समस्या से भी ग्रामीणों को रूबरू होना पड़ता है।
अतिक्रमण से घिरा बस स्टैंड
बसई का बस स्टैंड यात्री सुविधाओं से महरूम है। स्टैंड पर यात्रियों को सुविधाएं न मिलने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात और गर्मियों में तो यात्री और ज्यादा परेशान होते हैं। प्रशासन द्वारा कुछ समय पहले महिलाओं की सुविधा के लिए बस स्टैंड पर आंचल कक्ष बनवाया था। आंचल कक्ष बनवाने का उद्देश्य यह था कि महिलाएं सुविधाजनक तरीके से बच्चों को स्तनपान करा सकें। आंचल कक्ष की वर्तमान स्थिति यह है कि कक्ष में गंदगी है। आंचल कक्ष में न तो गेट है और न ही खिड़की है। दुकानदारों ने जगह-जगह दुकानें लगाकर अतिक्रमण कर रखा है। दुकानदारों ने गुमटियां रख कर अतिक्रमण कर बस स्टैंड को पूरा घेर लिया है। यहां तक कि पीने के पानी के लिए लगे हैंडपंप के आसपास भी चाट वाले ठेले लगाते हैं। इससे लोगों को हैंडपंप नजर नहीं आता।
Published on:
30 May 2021 10:57 pm
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