19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिहार में एक बार फिर जेडीयू नेता की दंबगई, मामूली सी बात पर पत्रकार को डंडों से पीटा

बिहार में पूर्व विधायक और जेडीयू के नेता कृष्णनंदन यादव के अंगरक्षकों ने अपनी दंबगई दिखाई और एक पत्रकार की पिटाई कर दी।

2 min read
Google source verification

image

Kiran Rautela

Jun 25, 2018

bihar crime

बिहार में एक बार फिर जेडीयू नेता की दंबगई, मामूली सी बात पर पत्रकार को डंडों से पीटा

नई दिल्ली।बिहार में एक बार फिर नेताओं की दंबगई सामने आई है। वहीं बिहार में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमले वहां की राजनीति पर सवालिया निशान छोड़ जाते हैं। ताजा मामला भी पत्रकार पर हमले का है, यहां एक पत्रकार पर हमले की खबर है, जिसके बाद से वहां पर खौफ का माहौल बन गया है।

दरअसल, बिहार में गया जिले के सिविल लाइन थाना के राजेंद्र आश्रम के पास पूर्व विधायक और जेडीयू के नेता कृष्णनंदन यादव के अंगरक्षकों ने अपनी दंबगई दिखाई और पत्रकार जय प्रकाश की पिटाई कर दी।

पूर्णिया:साइट पर काम देखने गए ठेकेदार को उतारा मौत के घाट,गुस्साएं लोगों ने किया प्रदर्शन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मामला शनिवार रात का है जब पत्रकार जय प्रकाश, राजेंद्र आश्रम स्थित अपने कार्यालय से घर की तरफ जा रहा था तभी उसकी गाड़ी रास्ते में खराब है गई। पत्रकार अपनी गाड़ी को धक्के मारकर सड़क के साइड में लगा रहा था। तभी पीछे से पूर्व विधायक कृष्णनंदन यादव की गाड़ी आई और वो साइड मांगने लगे। पत्रकार ने उन्हें थोड़ी देर रुकने का इशारा किया लेकिन विधायक के अंगरक्षक इतने बौखला गए कि वो पत्रकार से मारपीट करने लगे।

हद तो तब हो गई जब पूर्व विधायक इस पूरे मामले का मजा लेते हुए देखते रहे। अंगरक्षकों ने पत्रकार को अपशब्द कहे और डंडों से भी खूब पीटा। पत्रकार को काफी चोटें आईं, जिसके बाद से उसे जय प्रकाश नारायण अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। पत्रकार ने मामले पर सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराया, जिसके बाद से ही मामला सबके सामने आया। बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब बिहार मे्ं एक पत्रकार पर हमला हुआ।

इससे पहले भी कई पत्रकारों ने अपनी जान गवाई है। वहीं बिहार की राजनीतिक पार्टियों के नेता सत्ता के नशे में इतना चूर हो जाते हैं कि वो आम आदमी को पैरों की धुल समझने लगते हैं। जिसके बाद से यहां पत्रकारों की सुरक्षा पर भी सवाल उटने लगे हैं।