
एआई से बनाई गई प्रतीकात्मक फोटो
महाराष्ट्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मुंबई के एक सत्र न्यायालय के न्यायाधीश के खिलाफ बड़ी कार्यवाही शुरू कर दी है। एसीबी ने अदालत को सूचित किया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद आरोपी न्यायाधीश के आवास पर तलाशी ली गई है और डिजिटल साक्ष्य एकत्र किए गए हैं। यह मामला एक भूमि विवाद में अनुकूल फैसला सुनाने के बदले रिश्वत मांगने से जुड़ा है।
मामले की जड़ें एक पुराने भूमि विवाद से जुड़ी हैं। आरोपी न्यायाधीश एजाजुद्दीन सलाउद्दीन काजी की अदालत में क्लर्क-सह-टाइपिस्ट के रूप में काम करने वाले चंद्रकांत वासुदेव को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। चंद्रकांत वासुदेव पर 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है।
एसीबी का दावा है कि कोर्ट क्लर्क चंद्रकांत वासुदेव ने कथित तौर पर जज और अपने लिए कुल 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत मिलने पर एसीबी ने जाल बिछाया और चंद्रकांत को रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
एसीबी ने बताया कि 18 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से एजाजुद्दीन काजी को गिरफ्तार करने की अनुमति मांगी गई थी। जिसके बाद एसीबी ने 8 दिसंबर को जज एजाजुद्दीन काजी को अपने दफ्तर बुलाया और उनकी आवाज का नमूना लिया। इस नमूने का मिलान उस रिकॉर्डिंग से किया जाएगा जिसमें व्हाट्सएप कॉल पर मराठी में बातचीत हुई थी। इसलिए एसीबी आरोपी न्यायाधीश के आवाज के नमूनों सहित अन्य डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर रही है।
बता दें कि न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में न्यायाधीश एजाजुद्दीन काजी के खिलाफ जांच की अनुमति दे दी, जिसके बाद एसीबी ने उनके आवास की तलाशी ली। इस घटना को लेकर कानूनी गलियारों में हड़कंप मच गया है।
Published on:
19 Dec 2025 07:35 pm
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