scriptYes Bank : विशेष अदालत के आदेश पर वधावन बंधु 29 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में | Yes Bank scam Wadhawan brothers in CBI custody till April 29 Maharashtra government ordered | Patrika News

Yes Bank : विशेष अदालत के आदेश पर वधावन बंधु 29 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में

locationनई दिल्लीPublished: Apr 28, 2020 02:17:46 pm

Submitted by:

Dhirendra

विशेष अदालत ने सुनवाई के बाद हिरासत में भेजा
महाराष्ट्र सरकार ने भी दिया था हिरासत में लेने का आदेश
यस बैंक के सीईओ राणा कपूर भी इस मामले में अभियुक्त हैं

Wadhawan Brother's

सीबीआई ने रविवार को ही वधावन बंधुओं को हिरासत में ले लिया था।

नई दिल्ली। यस बैंक घोटाले ( Yes Bank Scam ) के आरोपी और लॉकडाउन ( Lockdown ) तोड़कर महाबालेश्वर पहुंचे कपिल और धीरज वधावन ( Kapil and Dheeraj Wadhavan ) को सीबीआई ने हिरासत में ले लिया है। वधावन बंधु 29 अप्रैल तक सीबीआई ( CBI ) हिरासत में रहेंगे। सोमवार को विशेष अदालत ( Special Court ) ने सुनवाई के बाद कपिल वधावन और धीरज वधावन को सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। एक सप्ताह पहले महाराष्ट्र सरकार ने भी सीबीआई और ईडी को वधावन बंधुओं को हिरासत में लेने का निर्देश दिया था।
हालांकि केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI ) ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वधावन और आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के प्रवर्तक धीरज वधावन को रविवार को ही हिरासत में रविवार को ही ले लिया था। सीबीआई ने सोमवार को वधावन बंधुओं को विशेष अदालत में पेश किया था। दोनों को महाबलेश्वर स्थित क्वारनटाइन सेंटर से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें इस मामले में करीब 50 दिन पहले नामजद किया गया था। यस बैंक के सीईओ राणा कपूर को भी इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है।
जानकारी के मुताबिक 62 वर्षीय राणा कपूर ने कपिल वधावन के साथ मिलकर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए एक आपराधिक षड्यंत्र ( Criminal Conspiracy ) रचा, जिसके बदले कपूर और उनके परिवार को अनुचित लाभ मिला।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के चलते लगे लाॅकडाउन में डीएफएचएल के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन के फैमिली ट्रिप पर जाने से हडकंप मच गया था। लॉकडाउन के बीच वधावन परिवार के 23 लोगों ने मेडिकल इमरजेंसी बताकर खंडवा से महाबलेश्वर में बने फार्महाउस की विजिट की थी। इसके बाद इन सबको महाबलेश्वर में स्थानीय पुलिस द्वारा क्वारनटाइन में रखा गया था। 10 अप्रैल को इस मामले में काफी हंगामे के बाद जांच शुरू होने के साथ ही वधावन फैमिली को परमिट देने वाले प्रधान सचिव (विशेष) को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया।
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